प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में घोटाले की बड़ी तस्वीर निकलकर सामने आ रही है। इस घोटाले के भंवर में मात्र एक राज्य से 11 लाख से अधिक लोग आए हैं। जिनसे पीएम सम्मान निधि योजना के अंतर्गत मिली राशि वापस ली जाएगी। दरअसल, किसानों की आर्थिक मदद के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना प्रारंभ की गई थी। इस योजना के तहत किसानों को हर वर्ष 6000 रुपए मिलते हैं। इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों के लिए कुछ मापदंड तय किए गए हैं, लेकिन इन मानकों का उल्लंघन कर लाखों की संख्या में किसान इस राशि को प्राप्त कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत झारखंड में ही तकरीबन 11 लाख से भी ज्यादा लोगों ने फर्जी तरीके से इस योजना का लाभ लिया। सरकार फर्जीवाड़ा करने वालों की पहचान कर रही है। ऐसे लोगों को भुगतान की गई राशि सरकार उनसे वापस वसूलेगी। केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने झारखंड सहित सभी राज्यों से इस बाबत रिपोर्ट तलब की है।
नहीं जमा किए गए जमीन के कागजात
केंद्र सरकार के निर्देश के बाद ऐसे लोगों को स्कीम की राशि का भुगतान रोक दिया गया है, जिनकी जमीन के कागजात अपडेट नहीं हैं। अब तक की स्कैनिंग में कुल 11 लाख 20 हजार 323 लोग ऐसे पाये गये हैं, जिन्होंने तीन साल में भी जमीन के कागजात जमा नहीं किये हैं। इसके अलावा 4.07 लाख किसान ऐसे हैं, जिन्होंने केवाईसी अपडेट नहीं किया है। इस तरह कुल 15 लाख 27 हजार किसान जांच के दायरे में हैं
पैन और आधार के जरिए सामने आए फर्जी किसान
प्रदेश में 2019 के मई माह में कुल 30 लाख 97 हजार 746 किसानों ने इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराया था। इन्हें 4 से 6 किस्तों की राशि का भुगतान भी कर दिया गया। अब इनमें से कुल 15 लाख 27 हजार लोगों के बैंक खातों में स्कीम की राशि भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कई जिलों में गलत तरीके से भुगतान लेने वालों को नोटिस भी भेजा गया है। पैन एवं आधार कार्ड के जरिये ऐसे किसानों की पहचान की जा रही है। जो किसान केवाईसी अपडेट करा लेंगे, उन्हें स्कीम का लाभ आगे दिया जा सकेगा।