नई दिल्ली:– देश की सबसे प्रभावशाली कंपनी मानी जाने वाली रिलायंस ने अब अपना कदम हरित उर्जा की ओर बढ़ाने का ऐलान किया है। जिसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपनी ड्रीम फैक्ट्री के बारे में जिक्र करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि कंपनी हरित ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाते हुए इस साल अपना पहला सौर उपकरण बनाने का कारखाना चालू करने की योजना बना रही है।
सौर गीगा फैक्टरी यानी बड़े कारखाने में एक ही स्थान पर पीवी मॉड्यूल, सेल, वेफर और इनगॉट, पॉलीसिलिकॉन और ग्लास का निर्माण शामिल होगा। मॉड्यूल सूर्य के प्रकाश को बिजली में परिवर्तित करते हैं
मुकेश अंबानी का ऐलान
आज रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 20 गीगावाट क्षमता की सौर पीवी विनिर्माण इकाई इस वर्ष के अंत तक उत्पादन शुरू कर देगी।
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कंपनी ने 2025 में मेगावाट स्तर पर सोडियम-आयन सेल उत्पादन का औद्योगिकीकरण करने और 2026 में पहली बार 50 मेगावाट प्रति वर्ष क्षमता की लिथियम बैटरी सेल की प्रायोगिक परियोजना शुरू करने का लक्ष्य भी रखा है।
इसके साथ ही अपने संबोधन के दौरान अंबानी ने कहा कि रिलायंस का अक्षय ऊर्जा कारोबार शुरू होने के पांच से सात वर्षों में ही उतनी कमाई करने लगेगा, जितनी उनका तेल से रसायन कारोबार करता है। उन्होंने बताया कि कंपनी ने कच्छ में बंजर भूमि को पट्टे पर लिया है। इस बंजर भूमि में अगले 10 वर्षों में लगभग 150 अरब यूनिट बिजली पैदा होगी, जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लगभग 10 प्रतिशत के बराबर होगी।
अंबानी ने कह हमने जामनगर में 30 गीगावाट वार्षिक क्षमता वाली एक एकीकृत उन्नत रसायन-आधारित बैटरी विनिर्माण सुविधा का निर्माण शुरू कर दिया है। अगले साल की दूसरी छमाही तक इसमें उत्पादन शुरू हो जाएगा।
नवीन ऊर्जा कारोबार के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा जैव-ऊर्जा कारोबार तेजी से विस्तार कर रहा है और 2025 तक 55 ऑपरेटिंग कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र तक पहुंच जाएगा, जिससे किसान अन्ना दाता से ऊर्जा दाता बन जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में 30,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। कंपनी इस खंड में 75,000 करोड़ रुपये तक के निवेश के लिए तैयार हैं।
रिलायंस की घोषणा
रिलायंस ने 2021 में 2030 तक 100 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता पर आधारित एक नया ईंधन व्यवसाय विकसित करने के लिए तीन वर्षों में 10 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना की घोषणा की थी। इस योजना में गुजरात के जामनगर में नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन के लिए उपकरण, बैटरी भंडारण, ईंधन सेल और हाइड्रोजन के विनिर्माण के लिए चार बड़े कारखाने स्थापित करना शामिल है।