हरियाणा में शराब पीने की कानूनन उम्र अब 21 साल हो गई है। पहले यह 25 वर्ष थी। प्रदेश में 11 फरवरी 2022 से संशोधित आबकारी कानून लागू हो गया है। दिसंबर 2021 में प्रदेश सरकार ने पुराने कानून में विधानसभा में संशोधन किया था। जिसे 31 दिसंबर 2021 को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने अपनी मंजूरी दे दी थी।
सरकार ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आबकारी (एक्साइज ) कानून, 1914 की कुल 4 धाराओं में संशोधन किया था। सरकार ने कानूनी धाराओं में शराब पीने की उम्र को 25 वर्ष से 21 वर्ष करने का प्रस्ताव वर्ष 2021-22 की आबकारी नीति में ही कर दिया था लेकिन कानूनी तौर पर इसे संशोधन के बाद गजट अधिसूचना होने पर ही लागू किया जा सकता था।
दिल्ली सहित देश के कई राज्य पहले ही शराब पीने की उम्र को घटा चुके हैं। संशोधन को लेकर यह तर्क दिया गया है कि मौजूदा सामाजिक, आर्थिक परिस्थितियों में पहले की तुलना में काफी बदलाव आया है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि हरियाणा आबकारी कानून, 1914 अप्रैल 2021 तक लागू था।
सरकार ने विधानसभा में संशोधन कर पंजाब के स्थान पर हरियाणा शब्द डाल दिया था। ताजा संशोधन के बाद अब प्रदेश में 21 साल की आयु के युवाओं को शराब पीने के साथ ही देसी शराब या नशीली दवाओं के निर्माण, थोक या खुदरा बिक्री के लिए लाइसेंस मिल सकेगा। इससे पहले आबकारी कानून की धारा 29, 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को शराब या नशीली दवा बेचने, वितरित करने के लिए प्रतिबंधित करती थी।
संशोधन से पूर्व आबकारी कानून की धारा 30 में प्रावधान था कि 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी पुरुष या महिला को कोई व्यक्ति ऐसी नौकरी में नहीं रखेगा, जिसके पास परिसर में उपभोग के लिए शराब या नशीली दवा बेचने का लाइसेंस हो। इसमें भी संशोधन कर नौकरी देने की उम्र घटाकर 21 वर्ष कर दी गई है।
धारा 62 में प्रावधान था कि यदि कोई लाइसेंस प्राप्त विक्रेता, उसका कर्मचारी या कार्य करने वाला कोई व्यक्ति 25 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को शराब या नशीली दवा बेचता व वितरित करता है, तो अन्य दंड के अलावा उस पर 50 हजार रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता था। अब इसमें इस धारा में भी 21 वर्ष की आयु तक शराब या नशीली दवा बेच या वितरित कर सकेंगे।