रूस-यूक्रेन युद्ध आज 7 महीने पूरे हो गए हैं. कोई इसे रूस की यूक्रेन पर कब्जा करने की साजिश बता रहा है, तो राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के करीबी इसे कुछ और नाम दे रहे हैं. इस चर्चा के बीच मॉस्को प्रशासन के इशारे पर यूक्रेन (Ukraine) के कुछ हिस्सों का विलय (Annexation) कराने के लिए आज से जनमत संग्रग यानी रेफरेंडम (Referendum) हो रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर कोई देश किसी दूसरे देश का विलय कैसे करता है. अगर आपको भी इस सवाल का जवाब नहीं पता तो आइए बताते हैं.
रेफरेंडम के जरिए होगा विलय
रूस (Russia) ने यूक्रेन (Ukraine) के लुहांस्क (Luhansk) और डोनेट्स्क (Donetsk) को मिलाने के लिए आज से इन इलाकों के अलगाववादी नेताओं के समर्थन से जनमत संग्रह (Referendum) शुरू करा दिया है जो 27 सितंबर तक चलेगा. इन इलाकों के अलगाववादी नेता (Separatist Leaders) और अधिकारियों जिनकी पहल से यह रेफरेंडम शुरू हो रहा है उन सभी को रूस यानी व्लादिमीर पुतिन की सरकार का खुला समर्थन मिला हुआ है. रॉयटर्स में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक जल्द ही यूक्रेन के खेरसॉन (Kherson) को भी रूस का हिस्सा बनाने के लिए रेफरेंडम शुरू हो सकता है. वहीं, जैपोरिजिया (Zaporizhzhia) को लेकर भी जनमत संग्रह कराने की मांग की जा रही है, क्योंकि यहां रूसी सेना (Russian Army) का कुछ हद तक कब्जा बरकरार है.
एक देश, दूसरे का विलय कैसे करता है?
विलय को लेकर दुनिया में अलग-अलग मत हैं. ब्रिटैनिका के मुताबिक, विलय एक ऐसा औपचारिक अधिनियम है जिसके तहत एक राज्य अपने क्षेत्र से बाहर के इलाके पर अपनी संप्रभुता की घोषणा करता है. यह विलय वहां की सत्ता पर बैठे लोगों के मत के विपरीत हो सकता है. आपको बता दें कि फिलहाल एक देश को दूसरे में मिलाने के लिए कोई भी इंटरनेशनल लॉ यानी अंतर्राष्ट्रीय कानून अस्तित्व में नहीं है. आमतौर पर अनुलग्नक यानी ऐनक्सेशन कानून इसके लिए अमल में लाया जाता है. सामान्य भाषा में आप इसे विलय का कानून (annexation law) कह सकते हैं.
ऐनक्सेशन को एकतरफा कार्रवाई माना जाता है. यानी किसी एक जगह को दूसरी जगह में मिलाने के लिए या तो संधि की जाती है या सेना द्वारा वहां जबरन कब्जा किया जाता है, फिर वहां के लोगों द्वारा जनमत संग्रह का काम पूरा होने के बाद एक सामान्य मान्यता द्वारा उस विलय को वैध ठहराया जाता है.
इजरायल ने की थी शुरुआत
हालांकि संयुक्त राष्ट्र (UN) का चार्टर तो बल पूर्वक किए गए किसी भी ऐनक्सेशन की निंदा करता है. इससे बेपरवाह होकर ऐसा करने वाला देश ऐनक्सेशन का काम पूरा होने के बाद एक आधिकारिक घोषणा करता है. जिसमें कहा जाता है कि फला राज्य या जगह पर संप्रभु अधिकार स्थापित हो गया है, भविष्य में भी इस दर्जे को बरकरार रखा जाएगा. आपको बताते चलें कि इसकी शुरुआत इजराइल ने 1981 में गोलन हाइट्स पर कब्जा करने के साथ की थी. बाद में इसी प्रोसिजर को फॉलो करते हुए रूस ने 2014 में क्रीमिया को अपने साथ मिलाने के बाद ऐसा ही एलान किया था.