नई दिल्ली :- साबूदाने को किसी अनाज से नहीं बनाया जाता है। व्रत में खाया जाने वाला साबूदाना सागो पाम नाम के पेड़ के तने के गूदे से बनता है। पूर्वी अफ्रीका के इस पेड़ का तना मोटा होता जाता है। इस तने के बीच के हिस्से को पीसकर पाउडर बनाया जाता है। जब इस पाउडर को छानकर अच्छी तरह से गर्म किया जाता है, तब जाकर इससे साबूदाने के दाने बनाए जाते हैं। आपको बता दें कि सागो पाम पेड़ ताड़ के पेड़ की तरह होता है।
कैसे बनाया जाता है साबूदाना?
क्या आप भी इस बात से अभी तक बेखबर हैं कि भारत में साबूदाना कैसे बनाया जाता है? साबूदाने को टैपिओका स्टार्च से बनाया जाता है और इस स्टार्च को बनाने के लिए कसावा नाम के कंद का इस्तेमाल किया जाता है। कसावा काफी हद तक शकरकंद की तरह होता है। इस गूदे को 8 से 10 दिनों के लिए बड़े बर्तनों में निकालकर रख दिया जाता है और फिर हर रोज पानी डाला जाता है। इसी प्रोसेस को 4 से 6 महीने तक रिपीट किया जाता है।
कैसे बनता है फाइनल प्रोडक्ट?
जब इस गूदे को बर्तनों से निकालकर मशीन में डाला जाता है, तब जाकर साबूदाना बनता है। मशीन से निकलने वाले इस साबूदाने को सुखाने के बाद ग्लूकोज और स्टार्च के पाउडर की पॉलिश की जाती है। इस प्रोसेस को फॉलो करके मार्केट में मिलने वाले साबूदाने को बनाया जाता है। साबूदाने में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, विटामिन सी जैसे पौष्टिक तत्वों की अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है।
सेहत के लिए वरदान साबूदाना
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ज्यादातर व्रत में खाया जाने वाला साबूदाना आपकी सेहत के लिए वरदान साबित हो सकता है। अगर आप अपनी बोन/मसल हेल्थ को मजबूत बनाना चाहते हैं तो साबूदाने का सेवन करना शुरू कर दीजिए। इसके अलावा साबूदाना खाकर आप दिन भर एनर्जेटिक महसूस कर पाएंगे। साबूदाना आपकी वेट लॉस जर्नी को भी आसान बना सकता है। सही मात्रा में साबूदाना खाकर आप अपनी गट हेल्थ को भी काफी हद तक इम्प्रूव कर सकते हैं।