रायपुर। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने करीब 8 घंटे तक मंत्री और विधायकों की सियासी क्लास ली. इस दौरान सैलजा ने सियासी पाठशाला में आगामी चुनाव और राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारियों पर चर्चा की. मीटिंग में करीब 20 विधायक शामिल नहीं हुए. प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि महाधिवेशन पर विस्तार से चर्चा हुई है.
कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रभारी बनने के बाद विधायकों से अलग से चर्चा नहीं हुई थी. विधायकों ने भी अलग से मिलने की इच्छा जाहिर की थी. स्वभाविक भी है. विधायकों से बात करना, इस दौरान बहुत सी बातें होती है. साथ ही महाधिवेशन को लेकर विस्तार से चर्चा हुई है.
कुमारी सैलजा ने कहा कि जब तक मैं ग्राउंड पर नही गई हूं, तब तक बातचीत कर समझने का प्रयास करूंगी. सभी की बातें हमें पार्टी में सुननी चाहिए. पूरे जगह 100 प्रतिशत कार्य हो, ये संभव नहीं है, लेकिन ये कहूंगी की सभी लोग खुश और संतुष्ट हैं. पूरे प्रदेश में कांग्रेस को लेकर अच्छा माहौल है. सभी लोग पार्टी के संदेशों को जन-जन तक लेकर जाए, इसी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई है.
सत्ता संगठन के बीच ताल-मेल को लेकर कहा कि हमेशा स्कोप बेहतर बनाने का होता है. चाहे भाई-भाई हो, सभी के बीच कुछ न कुछ होता है. इतने दिनों में कई सुझाव आए हैं, जिस पर आगे काम किया जाएगा. अंतिम में देखें तो उतनी कोई भी बातें सामने नहीं आई है.
बैठक के बाद विधायक बृहस्पत सिंह ने कहा कि मंत्रियों और विधायकों के बीच तालमेल को लेकर चर्चा हुई. चुनावी लिहाज से भी विधानसभावार चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि कहीं-कहीं विधायकों और मंत्रियों के बीच 19…20 है, उसे भी ठीक कर लेंगे.
बृहस्पत सिंह ने कहा कि अधिवेशन के बाद आरक्षण के लिए फिर से आंदोलन करेंगे. चुनावी लिहाज से भी चर्चा हुई. हर विधानसभा क्षेत्र में आमसभा होगी.
कुमारी सैलजा के साथ विधायकों की वन टू वन चर्चा में 71 में 51 विधायक ही चर्चा में पहुंचे थे. विधायकों ने अपने क्षेत्र में कार्य नहीं होने को लेकर शिकायत की है. सत्ता और संगठन में तालमेल को लेकर चर्चाएं हुईं.
साथ ही कुमारी सैलजा की अधिवेशन को सफल बनाने के लिए मूलमंत्र दिया गया. पहली बार छत्तीसगढ़ को कांग्रेस महाधिवेशन की मेजबानी करने का मौका मिला है.
बता दें कि बैठक में पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, राष्ट्रीय सचिव राजेश तिवारी, प्रभारी सचिव चंदन यादव, विधानसभा उपाध्यक्ष संतकुमार नेताम, मंत्री अनिला भेड़िया सहित संसदीय सचिव और विधायकगण भी शामिल रहे.