कांकेर : शासकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य बी समुंद ने कॉलेज परिसर में ही जहर सेवन कर लिया, जिससे उनकी हालत बेहद नाजुक बनी हुई है। जिन्हे कांकेर में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें रायपुर रिफर किया गया है। जहां उनका इलाज जारी है। प्राचार्य के जेब से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें उन्होंने शहर के एक पत्रकार पर 20 लाख रुपए मांगने के आरोप लगाए हैं।
पूरी घटना 2 नवंबर की है जब कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य बी समुंद ने कॉलेज परिसर में ही जहर का सेवन कर लिया था, जिससे उनकी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। उनका इलाज रायपुर के एक निजी अस्पताल में जारी है। प्राचार्य के पुत्र ने आज सुबह प्राचार्य के द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट मीडिया के सामने प्रस्तुत किया जिसमें प्राचार्य ने शहर के पत्रकार शाहरुख खान पर आरटीआई लगाकर ब्लैकमेल करने का गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही 20 लख रुपए नहीं देने पर नौकरी जाने, जेल भेजने जैसी धमकी देने का भी आरोप कथित पत्रकार शाहरुख खान पर लगाया हैं।
सुसाइड नोट पर प्राचार्य ने शहर के पत्रकार शाहरुख खान का जिक्र करते हुए लिखा है कि उनके द्वारा लगातार आरटीआई लगाकर उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था, आरटीआई का जवाब ना मांग कर रोजाना उनके निजी नंबर पर फोन कर पैसे की मांग करता था यही नहीं उक्त पत्रकार के द्वारा उन्हें धमकी भी दी जा रही थी की यदि पैसा नहीं दोगे तो तुम्हारी नौकरी भी जा सकती है और तुम्हें जेल भी हो सकती है।
बता दें कि प्राचार्य की सेवानिवृत्ति में 1 साल का ही समय बचा है जिस पर उक्त पत्रकार के द्वारा उन्हें पेंशन जैसे प्रकरण में भी दिक्कत आने की धमकी लगातार दी जा रही थी, प्राचार्य के पुत्र ने बताया कि उक्त पत्रकार के द्वारा काफी रकम डरा धमका कर वसूल भी ली गई है, पत्रकार की लगातार धमकियों से तंग आकर ही ही उनके पिता ने जहर सेवन किया है प्राचार्य के पुत्र ने उक्त पत्रकार पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है! पूरे मामले में एसडीओपी मोहसिन खान ने बताया कि शिकायत पत्र और सुसाइड नोट के आधार पर अपराध पंजीबद्ध किया जा रहा है मामले की जांच जारी है।
पत्रकारों ने की कड़ी कार्रवाई की मांग
पूरे मामले में शहर के पत्रकार संघ के द्वारा भी पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर दोषी पत्रकार पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, पत्रकारों ने एक स्वर में कहा कि इस तरह से पत्रकारिता के पेशे को को बदनाम करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए और संस्थाओं को भी अपने पत्रकारों पर नजर रखनी चाहिए की वास्तव में उनका पत्रकार पत्रकारिता के योग्य है भी या नहीं इस तरह के ब्लैकमेलर पत्रकारिता की छवि खराब कर रहे हैं इन्हें सजा मिलनी चाहिए।