नई दिल्ली:- मोरिंगा, जिसे आमतौर पर ‘ड्रम स्टिक’ या सहजन कहते है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण पौधा माना जाता है. सहजन के बारे में यह प्रमाणित है कि इस पेड़ का हर अंग स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है. सहजन में अविश्वसनीय पोषण होता है, ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप सहजन को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं. आप करी बना सकते हैं, इसे सूप में मिला सकते हैं, शोरबा में इस्तेमाल कर सकते हैं, अचार बना सकते हैं, सलाद में डाल सकते हैं.
कई समस्याओं में रामबाण
मोरिंगा वनस्पति तेल में समृद्ध है और इसमें उच्च पोषण मूल्य हैं. इसके पत्तों और फूलों का उपयोग मुख्य रूप से विभिन्न रोगों के प्रबंधन के लिए किया जाता है. मोरिंगा शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाकर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है. यह अपने एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण लीवर को नुकसान से भी बचाता है. यह मधुमेह रोगियों के लिए भी अच्छा है क्योंकि यह ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद करता है. मोरिंगा पुरुषों के लिए फायदेमंद है क्योंकि इसमें कामोद्दीपक गुण होते हैं. मोरिंगा का जूस पीने से मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करके रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.
मोरिंगा को चाय, पाउडर या कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है. मोरिंगा का तेल जब त्वचा पर लगाया जाता है तो यह मुंहासों को रोकने में मदद करता है और इसकी एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि के कारण घाव भरने को बढ़ावा देता है. मोरिंगा के पत्तों के पाउडर का पेस्ट लगाने से जोड़ों के दर्द में भी मदद मिलती है.
इन नामों से है फेमस
मोरिंगा को अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है जिसमें, मोरिंगा ओलीफेरा, सोभांजना, बहला, तिक्सनगंधा, अक्सिवा, मोकाका, सजिना, सजना, सजने, हॉर्स रेडिश ट्री, ड्रम स्टिक ट्री, सरगावो, सेकाटो, सारागावो, पर्ना, शाजोमा, मुंगना, नीगे, नग्गे एले, मुरिन्ना, तिश्नगंधा, मुरिंगा, मुरिंगा एलाई, सेवगा, सेगाटा, सेगाटा पाना, शेवगाची पाणे, सजना, मुंगा, मुनिका, सोहंजना, मुरुंगई, मुरुंगई इलाइ, मुनागा अकु, सहजन शामिल है.
वैज्ञानिकों ने भी सहजन को मान लिया सुपरफूड
वैज्ञानिकों के मुताबिक मोरिंगा को पूरी दुनिया में सुपर फूड के नाम से जाना जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर दीक्षा भावसार ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर मुनगा पेड़ के उपयोग को साझा किया. उन्होंने कहा कि मोरिंगा का उपयोग आयुर्वेद में 300 बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. यह एक अद्भुत वृक्ष के रूप में जाना जाता है. मोरिंगा का पेड़ अस्थमा और गठिया जैसी बीमारियों से बचाता है. बालों के झड़ने जैसी सामान्य समस्याओं में मददगार है. डॉ. दीक्षा भावसार ने कहा कि हालांकि मुनगा में औषधीय गुण हैं, लेकिन किसी विशेषज्ञ की सलाह के बिना इसे आहार में शामिल नहीं करना चाहिए.
आयुर्वेदिक डॉक्टर ने क्या कहा
मोरिंगा पौधे के सभी भाग औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. लेकिन डॉ. ने बताया कि इसकी पत्तियों में अधिक पोषक तत्व होते हैं. दीक्षा ने कहा कि मोरिंगा की पत्तियों का उपयोग आपके व्यंजनों में भी किया जा सकता है. मोरिंगा की पत्ती को दाल, परांठे में मिलाया जा सकता है. मोरिंगा को सुखाया जा सकता है. ताजी कोमल पत्तियां लें और उन्हें साफ पानी से धोकर छाया में सुखा लें. अगर इस पर सफेद सूती कपड़ा डाल दिया जाए तो रंग नहीं बदलेगा. एक सप्ताह तक सूखने के लिए छोड़ दें, इसके बाद इन पत्तियों का चूर्ण बनाकर इसे किसी डिब्बे में डाल से, इसके बाद इसे बहुत सारे व्यंजनों में डाला खाया जा सकता है. अगर आप इस पाउडर का इस्तेमाल जूस, सूप, चपाती और डोसे में करेंगे तो एनीमिया नहीं होगा.
सहजन नियमित रूप से खाने के फायदे बहुत हैं
सहजन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है सहजन में मौजूद विटामिन सी और अन्य जीवाणुरोधी गुणों के कारण यह खांसी और सर्दी जैसे मौसमी संक्रमण को रोकने में मदद करता है. अच्छी खबर यह है कि सहजन कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है, जो मजबूत हड्डियों के लिए आवश्यक है. सहजन में फाइबर बहुत महत्वपूर्ण पोषक तत्व है जो आपके मल त्याग को सही रखने में मदद करता है. इसके अलावा, उनमें अन्य विटामिन बी जैसे नियासिन, राइबोफ्लेविन और विटामिन बी 12 भी होते हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं कि आपको गैस्ट्रिक समस्याएं न हों.
पाइल्स की समस्या में मोरिंगा नहीं खाना चाहिए
जब बवासीर होता है तो काफी असहनीय दर्द होता है. इस समस्या से ग्रस्त लोगों को दर्द के चलते काफी परेशानी होती है. वे पाइल्स के कारण एक जगह बैठ नहीं सकते.. चल नहीं सकते…अपना दर्द दूसरों से बांट नहीं सकते. ‘पाइल्स’ की समस्या आजकल आम हो गई है और हर उम्र के लोगों में देखने को मिल रही है. हालांकि, बवासीर से जान को कोई खतरा नहीं होता… मल त्याग के दौरान रक्त आना भ्रामक है. गुदा में दर्द और जलन बहुत तकलीफदेह होती है. मोरिंगा और सहजन में गर्म करने के गुण होते हैं. इसलिए गर्मी की समस्या वाले लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए.