नई दिल्ली:– ऑफिस में अक्सर 8-9 घंटे की शिफ्ट होने से लगातार एक जगह पर बैठे-बैठे काम करना पड़ता हैं। ऑफिस में बैठने के बाद अगर हम वापस कार या गाड़ी में बैठकर आरामदायक तरीके से घर जाते हैं। इस तरह का तरीका भलें ही आपको सही लगता हैं लेकिन इससे आपके शरीर पर बुरा नतीजा पड़ता हैं यानि की आपकी हिप्स की मांसपेशियों को खतरा देखने के लिए मिलता है। इस स्थिति में हमारे बट की ग्लूटियल एमनेसिया को नुकसान पहुंचता हैं इसे डेड बट सिंड्रोम का नाम दिया गया है। इस स्थिति में अगर कोई मरीज आ जाता हैं तो उसका खड़े हो पाना भी मुश्किल हो जाता है।
जानिए शरीर पर कैसे पहुंचाती हैं नुकसान
इस डेड बट सिंड्रोम की स्थिति को लेकर मायो क्लीनिक की स्पेशलिस्ट डॉ. जेन कोनिडिस ने जानकारी दी है। इसके अनुसार बताया कि, ग्लूटियल को हिप यानि नितंब वाली मांसपेशियां कहते है जो हमारे ज्यादा देर तक बैठने की स्थिति में कमजोर पड़ने लगती है। इस समस्या में बीमारी बनने की स्थिति में सबसे पहले हेमस्ट्रिंग मसल्स जो हिप्स से ठीक नीचे होते हैं फटने लगते है।इसके बाद साइटिका होने लगेगा फिर शीन स्प्लिंट में दिक्कत होगी यानी पैरों की नीचे की मांसपेशियां फटने लगेगी. इसके बाद घुटनों में अर्थराइटिस होने लगेगा।
कब बनती हैं डेड बट सिंड्रोम की स्थिति
यहां पर बताते चलें तो, डेड बट सिंड्रोम यानि ग्लूटियल एमनेसिया की स्थिति तब बनती हैं जब आपके हिप्स की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। इस स्थिति में जब पीछे की मांसपेशियों का इस्तेमाल कम होने लगता है तब कुछ समय के बाद यही मांसपेशियां भूल जाती है कि उसे काम क्या करना है,कहा भी जाता है कि जिस चीज का आप इस्तेमाल नहीं करेंगे वह खराब हो जाएगा। इस बीमारी की स्थिति में हिप्स की मांसपेशियां पैरों और हाथ की मांसपेशियों से बिल्कुल अलग होने के साथ इसकी नसें दबी होती हैं। इस वजह से आपको कोई चोट भी लगती हैं तो इसका दर्द आपको अंदरूनी होता है। डॉक्टर बताते हैं कि, अगर आपके हिप्स वास्तव में डेड हो गए तो इसके बाद बहुत मुश्किल होगा क्योंकि एक समय ऐसा आएगा जब आप खड़े भी नहीं हो पाएंगे यानि यह स्थिति काफी गंभीर सवाल पैदा करती है।
जानिए कैसे रखें ख्याल
अगर आप डेड बट सिंड्रोम की स्थिति से जूझ रहे हैं तो, इससे जल्दी बचाव करना जरूरी है। इसे लेकर डॉ. जेन कोनिडिस ने बताया कि, हिप्स की मांसपेशी ग्लूटियस को एक्टिव रखना हैं तो, लगातार बैठने की बजाय आप आधे घंटे के लिए जगह से उठ जाए या फिर एक्टिविटी करते रहे। इसके अलावा आप अपने हिप्स को थपथपाएं. इससे वहां की नसें सक्रिय होगी और दिमाग को यह संदेश पहुंचाएगी उसे सक्रिय होकर काम करना हैं।