स्मार्टफोन के लिए चार्जर एक जरूरी पार्ट है. आजकल बाजार में बहुत सारे चार्जर उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ असली और कुछ नकली होते हैं. नकली चार्जर का इस्तेमाल करने से फोन की बैटरी खराब हो सकती है और फोन भी जल्दी खराब हो सकता है. इसलिए, चार्जर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि वह असली हो.कई बार लोग सस्ते के चक्कर में नकली चार्जर खरीद लेते हैं, जिससे उनको बाद में दिक्कत होती है.
नकली चार्जर से स्मार्टफोन भी खराब हो सकता है. साथ ही स्मार्टफोन की बैटरी को नकली चार्जर सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है.असली और नकली चार्जर की पहचानडिजाइन: असली चार्जर का डिजाइन हमेशा नकली चार्जर से बेहतर होता है. असली चार्जर में सभी कनेक्टर और पोर्ट एकदम सही फिट होते हैं. नकली चार्जर मेंअक्सर कनेक्टर और पोर्ट ढीले होते हैं.
ब्रांड नाम: असली चार्जर पर ब्रांड का नाम हमेशा सही होता है. नकली चार्जर पर ब्रांड का नाम गलत हो सकता है या उसका टाइपिंग गलत हो सकता है.सील: असली चार्जर पर हमेशा एक सील लगी होती है. नकली चार्जर पर सील नहीं होती है या सील टूटी हुई होती है.वजन: असली चार्जर का वजन नकली चार्जर से अधिक होता है.बिजली की खपत: असली चार्जर कम बिजली की खपत करता है. नकली चार्जर अधिक बिजली की खपत करता है.फोन की चार्जिंग स्पीड: असली चार्जर फोन को तेजी से चार्ज करता है.
नकली चार्जर फोन को धीरे-धीरे चार्ज करता है.इन तरीकों से करें असली चार्जर की पहचानअसली चार्जर खरीदने के लिए हमेशा किसी भरोसेमंद स्टोर से चार्जर खरीदें. ऑनलाइन चार्जर खरीदते समय भी सावधानी बरतें और केवल विश्वसनीय वेबसाइट से ही चार्जर खरीदें. साथ ही चार्जर का मॉडल नंबर चेक करें. असली चार्जर पर हमेशा एक मॉडल नंबर लिखा होता है. चार्जर की वारंटी चेक करें. असली चार्जर पर हमेशा एक वारंटी कार्ड होता है.