रायपुर :- छत्तीसगढ़ में लगातार बाघों की संख्या कम हो रही है.आए दिन बाघों के शिकार की सूचना मिल रही है.वहीं कुछ बाघों की मौत की भी खबरें सामने आई हैं. बाघों की घट रही संख्या को लेकर वन विभाग सतर्क हो गया है. जिसके लिए अब बाघों की सुरक्षा के लिए वन विभाग स्निफर डॉग की तैनाती करने जा रहा है. वन विभाग ने यह फैसला वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी के सुझाव पर लिया है. जिसके तहत अब प्रत्येक वृत्त स्तर पर एक-एक डॉग स्क्वाड की स्थापना होगी.
2017 से हो रही थी मांग : बाघों की सुरक्षा के लिए तैनात किए जा रहे स्निफर डॉग को लेकर वन्य जीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने कहा कि इन स्निपर डॉग को गांव-गांव घुमाया जाता है. ये पेट्रोलिंग करते हैं. इसकी वजह से गांव वालों और आसपास के शिकारियों में दहशत हो जाती है कि यदि वो जंगल में जाएंगे तो पकड़े जाएंगे. स्निफर डॉग की मांग नितिन संघवी 2017 से करते आ रहा थे. इसके बाद हाल ही दोबारा मीटिंग में भी उनके द्वारा कुछ सुझाव दिए गए. जिस पर अब अमल किया गया है. विभाग की ओर से जारी पत्र में सभी सर्कल से 7 दिनों में प्रस्ताव मगाया गया है. साथ ही हैंडलर का नाम भी तीन दिन के भीतर देने के लिए कहा गया है.जिनको जनवरी में प्रशिक्षण दिया जाएगा.नितिन संघवी ने बाघों की सुरक्षा के लिए हर नेशनल पार्क में स्निफर डॉग की तैनाती करने के लिए निवेदन किया है.
प्रदेश में सिम्बा (बेल्जियम मैलिनाइस ब्रीड)और नेरो (जर्मन शेफ़र्ड ब्रीड) तैनात थे. जो रिटायर हो गए थे और उसके बाद उनकी अब डेथ भी हो गई है. एमपी में भी इस तरह के स्निफर डॉग रखे गए है. तैनाती के दौरान स्निफर डॉग के खाने पीने पर प्रति महीने लगभग 10000 खर्च किए जाते हैं, लेकिन रिटायरमेंट के बाद स्निफर डॉग का क्या करना है ,कहां रखना है, या फिर छोड़ना है, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी. जिस वजह से हैंडलर ही स्निफर डॉग को रिटायरमेंट के बाद अपने जेब से पैसे खर्च कर पालते थे- नितिन सिंघवी, वन्य जीव प्रेमी
प्रदेश में कहां तैनात हैं स्निफर डॉग्स ? : जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ वन विभाग के पास वर्तमान में चार स्निफर डॉग है. जो अलग-अलग जिलों में तैनात है. कांकेर में रोजी को तैनात किया गया है , तो वहीं रायपुर स्थित जंगल सफारी में वीर तैनात है. जबकि गोमर्डा में जूली और जेस्सी नाम की बेल्जियम शेफर्ड नस्ल का स्निफर डॉग है.
सिम्बा और नेरो छत्तीसगढ़ वन विभाग के थे पहले स्निफर डॉग : बेल्जियम मैलिनाइस ब्रीड का सिम्बा और जर्मन शेफ़र्ड ब्रीड का नेरो छत्तीसगढ़ वन विभाग के पहले स्निफर डॉग हैं. इनको बी.एस.एफ. अकादिमी ग्वालियर से 10 माह की ट्रेनिंग दी गई थी. इसके बाद अक्टूबर 2016 को इन्हें अचानकमार टाइगर रिजर्व लाया गया था. सिम्बा और नेरो जब लाया गया था तो उम्र लगभग दो ढाई साल थी. ये दोनों 7 साल सेवा देने के बाद मार्च-अप्रेल 2023 में रिटायर हो गए. रिटायरमेंट के बाद वो अपने हेन्डलर के साथ ही रहे. इसके बाद 14 जुलाई 2024 को सिम्बा और अगस्त 2024 को नेरो ने अंतिम सांस ली. रिटायरमेंट के पहले सिम्बा और नेरो ने वन विभाग को प्रदेश के सैंकड़ों अपराधियों तक पहुंचने में मदद की थी.
क्या है वन विभाग का पत्र : वन विभाग की ओर से जारी पत्र में लिखा गया है कि “राज्य में बाघों की निगरानी और सुरक्षा बढ़ाने के लिए 18 अप्रैल, 2024 को हुई बैठक में चर्चानुसार व्यापक सुझावों के क्रियान्वयन एवं राष्ट्रीय उद्यान, टाइगर रिज़र्व और वन्यप्राणी अभ्यारण्य सहित हर वृत्त में स्निफर डॉग स्क्वॉड की स्थापना एवं अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय किये जाने का अनुरोध किया गया है.
बारनवापारा अभ्यारण्य में भ्रमण कर रहे बाघ की सुरक्षा के संबंध में दिनांक 18.04.2024 को वन विभाग एंव एन.टी.सी.ए. के अधिकारियों तथा स्थानीय एन.जी.ओ. एवं विशेषज्ञों की उपस्थिति में एक बैठक आयोजित की गयी थी, जिनमें श्री नितिन सिंघवी द्वारा निम्न अनुसार अपने विचार व्यक्त किए गए.
प्रदेश में बाघ की सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण द्वारा जारी SOP एवं दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए.दिनांक 18.04.2024 की बैठक में दिये गये निर्देश/सुझावों का क्रियान्वयन किया जाए. यदि किसी योजना/सुझाव के क्रियान्वयन हेतु बजट की आवश्यकता हो, तो प्रस्ताव मय प्राक्कलन के साथ मांग पत्र भेजें. वनों एवं वन्यप्राणियों से संबंधित वन अपराध के प्रकरणों में अपराधियों को पकड़ने में सहायता के लिए प्रत्येक वृत्त स्तर पर एक-एक डॉग स्क्वाड की स्थापना हेतु विस्तृत प्रस्ताव सात दिवस में भेजना सुनिश्चित करें ताकि डब्ल्यू डब्ल्यू.एफ. इंडिया को प्रस्ताव भेजते हुए स्निफर डॉग स्क्वाड के प्रशिक्षण हेतु माह जनवरी से प्रारंभ होने वाले प्रशिक्षण सत्र में उनका नाम भेजा जा सके.