नई दिल्ली : – मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सरकार और कांग्रेस बीच संसदीय समिति की अध्यक्षता को लेकर खींचतान चल रही है। लोकसभा में 99 सीटें जीतने वाली कांग्रेस ने पांच संसदीय स्थायी समितियों की अध्यक्षता के लिए दावा किया है। सरकार के प्रतिनिधियों की तरफ से इस मुद्दे पर कांग्रेस से बात की जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार सरकार की तरफ से कांग्रेस के उम्मीदवारों को कम से कम तीन अध्यक्ष पद की पेशकश की है, जबकि चौथे के लिए बातचीत जारी है।
इंडिया ब्लॉक की बड़ी मौजूदगी
पिछली दो लोकसभाओं में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के विशाल बहुमत का मतलब था कि कुल 24 स्थायी समितियों की अध्यक्षता का आनुपातिक हिस्सा भी सत्ता पक्ष को जाना था। हालांकि, इस बार सदन में इंडिया ब्लॉक की बड़ी उपस्थिति का मतलब है कि विपक्षी पक्ष बड़ी संख्या में पैनल अध्यक्षता के लिए पात्र है। ऐसे में दोनों पक्षों की तरफ से खींचतान का दौर जारी है। सूत्रों ने बताया कि 22 अगस्त को यहां हुई सरकार-कांग्रेस प्रतिनिधियों की चर्चा के दौरान विपक्षी प्रत्याशियों ने लोकसभा से जुड़ी चार स्थायी समितियों और राज्यसभा से एक समिति की अध्यक्षता मांगी।
सरकार का क्या है ऑफर
सरकार की तरफ से मौजूद पक्ष ने कहा कि वह कांग्रेस को लोकसभा से अधिकतम तीन सदन समितियों की अध्यक्षता देने पर विचार कर सकता है, क्योंकि तीन अन्य इंडिया ब्लॉक पार्टियों डीएमके, एसपी और तृणमूल को इस बार लोकसभा में विपक्षी कोटे से एक-एक स्थायी समिति की अध्यक्षता आवंटित की जानी है। सत्तारूढ़ पक्ष ने यह भी बताया कि कांग्रेस को पहले ही लोक लेखा समिति की अध्यक्षता मिल चुकी है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और एल मुरुगन ने सरकार का प्रतिनिधित्व किया, जबकि कांग्रेस की ओर से लोकसभा में उसके उपनेता गौरव गोगोई और पार्टी के मुख्य सचेतक कोडिकुन्निल सुरेश लोकसभा और जयराम रमेश राज्यसभा शामिल थे।
किस समिति पर है कांग्रेस की दावेदारी
लोकसभा समितियों की बारीकियों की बात करें तो कांग्रेस पक्ष ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा कृषि, पशुपालन एवं खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित दो अन्य समितियों की अध्यक्षता के अलावा वित्त या विदेश मामलों या रक्षा से संबंधित तीन प्रमुख समितियों में से एक की अध्यक्षता पर जोर दिया है। सरकार पक्ष ने कांग्रेस प्रतिनिधियों से कहा कि तीन प्रमुख स्थायी समितियों में से एक की अध्यक्षता की उनकी मांग पर शीर्ष नेतृत्व द्वारा विचार किया जाएगा। साथ ही विपक्षी दल को श्रम, कपड़ा एवं कौशल विकास तथा ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज से संबंधित समितियों की अध्यक्षता की पेशकश की।
पिछली बार सिर्फ एक समिति की अध्यक्षता
कांग्रेस ने राज्यसभा की एक सदन समिति की अध्यक्षता के लिए गृह मामलों की समिति की मांग की, लेकिन सरकारी पक्ष ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन संबंधी समिति की पेशकश की। पिछली लोकसभा में, जहां कांग्रेस के केवल 53 सदस्य थे, उसे केवल एक सदन समिति की अध्यक्षता मिली थी।