नई दिल्ली:– बारबाडोस में खेले गए खिताबी मुकाबले में एक समय लग रहा था कि टीम इंडिया के हाथ से मैच चला जाएगा और भारत का आईसीसी खिताब जीतने का सपना, सपना ही रह जाएगा। लेकिन जसप्रीत बुमराह ने ऐसा नहीं होने दिया। बुमराह ने अपनी गेंदबाजी से एक बार फिर मैच पलट दिया और बताया कि उन्हें क्यों मौजूदा समय के महान गेंदबाजों में गिना जाता है। उन्होंने बताया कि क्यों उन्हें जादूगर कहा जाता है।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट खोकर 176 रन बनाए थे। साउथ अफ्रीका ने आखिरी तक लड़ाई लड़ी। लेकिन भारत ने आठ रनों से जीत हासिल करते हुए दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम किया। इसी के साथ भारत ने 17 साल से चले आ रहे टी20 वर्ल्ड कप के सूखे को खत्म कर दिया।
बुमराह का नहीं है तोड़
रोहित शर्मा ने 15वां ओवर अक्षर पटेल को दिया। साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने इस ओवर में दो चौके और दो छक्के मार कुल 24 रन बटोरे और साउथ अफ्रीका को मैच में ला दिया। लेकिन अगले ओवर में रोहित ने जसप्रीत बुमराह को बुलाया और इस गेंदबाज ने कसी हुई गेंदबाजी की। इस ओवर में बुमराह ने सिर्फ चार रन ही खर्च किए जिसके बाद दबाव दोबारा से साउथ अफ्रीका से आ गया और इस दबाव में टीम बिखर गई। 17वें ओवर में हार्दिक पांड्या ने क्लासेन को आउट कर दिया।
जसप्रीत बुमराह ने फिर 18वां ओवर फेंका और इस ओवर में मार्को यानसेन का विकेट अपने नाम किया। बुमराह ने इस ओवर में दो रन ही खर्च किए जिससे साउथ अफ्रीका की टीम और दबाव में आ गई। आखिरी ओवर में भारत को 16 रन बचाने थे जो पांड्या ने बचा लिए। बुमराह ने इस मैच में चार ओवरों में 18 रन देकर दो विकेट लिए।
पहले भी किया ये काम
ये हालांकि पहली बार नहीं है जब बुमराह ने अपनी गेंदबाजी से मैच पलटा हो। इसी वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ उन्होंने कुछ ऐसा ही किया था। पाकिस्तान की टीम जीतती हुई दिख रही थी। लेकिन 15वें ओवर में बुमराह ने मोहम्मद रिजवान का विकेट लेकर भारत को मैच में वापस ला दिया और फिर अंत में टीम इंडिया की जीत हुई।