नई दिल्ली : शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह काफी हद तक बड़ी कंपनियों…HDFC बैंक और हिंदुस्तान यूनिलीवर के तिमाही नतीजों की घोषणा और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर निर्भर करेगी। इसके अलावा वैश्विक रुझान भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे।
विश्लेषकों ने यह राय जताई है। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशकों की गतिविधियां, वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट कच्चे तेल के दाम और डॉलर के मुकाबले रुपये का उतार-चढ़ाव भी बाजार के लिए महत्वपूर्ण रहेगा।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘अब सभी की निगाहें कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों पर रहेंगी। सप्ताह के दौरान एचडीएफसी बैंक, एचयूएल, एशियन पेंट्स, इंडसइंड बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे प्रमुख कंपनियां अपने नतीजों की घोषणा करेंगी। इसके अलावा बजट को लेकर उम्मीदें भी क्षेत्र और शेयर विशेष गतिविधियों को प्रभावित करेंगी।’’
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे बाजार बजट के लिए तैयार हो रहा है, संस्थागत निवेशकों का प्रवाह इसकी दिशा निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। दिसंबर के लिए थोक महंगाई दर के आंकड़े सोमवार को आएंगे।
मीणा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर डॉलर इंडेक्स, अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल तथा कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव के साथ-साथ अमेरिका और चीन के व्यापक आर्थिक आंकड़ों पर सभी की निगाह रहेगी। भूराजनीतिक तनाव की वजह से बाजार में अनिश्चितता रहेगी। शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों से अर्थव्यवस्था को दोहरा झटका लगा है।
दिसंबर माह की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति चार महीने के उच्चस्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वहीं नवंबर में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि आठ माह के निचले स्तर 2.4 प्रतिशत पर आ गई है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार दिसंबर तिमाही के नतीजों और भारत के मुद्रास्फीति के आंकड़ों से संकेत लेगा।’’
पिछले सप्ताह BSE का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 542.3 अंक या 0.75 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 183.75 अंक या 0.84 प्रतिशत चढ़ गया। गत शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी एक प्रतिशत से अधिक चढ़कर अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गए।
मास्टर कैपिटल सर्विसेज लि. के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अरविंदर सिंह नंदा ने कहा, ‘‘चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के नतीजे बाजार को दिशा देने में मुख्य भूमिका निभाएंगे। वैश्विक बाजारों का रुझान, घरेलू और वैश्विक व्यापक आर्थिक आंकड़े, कच्चे तेल की कीमतें और डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल भी बाजार की दिशा तय करेगी।’’
नंदा ने कहा कि इसके अलावा एफपीआई और डीआईआई के निवेश पर भी सभी की निगाह रहेगी। विप्रो और एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद अपने तिमाही नतीजों की घोषणा की थी। ऐसे में सभी का ध्यान इन कंपनियों के शेयरों पर रहेगा।