नई दिल्ली : किसी भी बच्चे के लिए सबसे पहला स्कूल उसके मां-बाप ही होते हैं. उनसे संस्कारों को सीखकर ही वह भविष्य के लिए तैयार होता है. हालांकि, कई बार माता-पिता की कुछ आदतें बच्चों के लिए दुश्मन समान होती हैं. ऐसे बच्चे हमेशा बिगड़ जाते हैं और एक समय आता है, जब स्थिति हाथों से निकल जाती है।
बच्चों की अच्छी परवरिश करना आसान काम नहीं है. माता-पिता ने बचपन में अपने बच्चे को किस तरह के संस्कार दिए, किस तरह से जीवन से परिचय कराया, उसी अनुसार ही बच्चा आने वाले भविष्य के लिए तैयार होता है. बच्चे के सामने आप जैसा व्यवहार करते हैं, वैसा ही सीखता है. इसी वजह से छोटे बच्चों के सामने माता-पिता अक्सर अपना व्यवहार अच्छा ही रखने की कोशिश भी करते हैं।
हालांकि, कई बार वही मां-बाप कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिनका नुकसान उन्हें भविष्य में देखने को मिलता है. आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में तीन ऐसी गलतियों का जिक्र किया है, जो बच्चों को हमेशा नुकसान पहुंचा देती हैं।
कड़वी भाषा
बच्चों के सामने कई माता-पिता दूसरे लोगों के प्रति अपनी भाषा काफी कड़वी इस्तेमाल करते हैं, जबकि ऐसा करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है. इंसान को हमेशा मधुर भाषी होना चाहिए क्योंकि बोलचाल ही दूसरों के बीच इंसान को प्रभावी बनाती है. ऐसे में बच्चों पर तो खासतौर पर इसका प्रभाव पड़ता है।
कभी भी बच्चों के सामने अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वरना आगे चलकर बच्चा भी आपकी नकल करेगा और दूसरों के लिए ऐसी ही भाषा का इस्तेमाल करेगा. इस वजह से आपको कई मौकों पर शर्मिंदा भी होना पड़ सकता है।