अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से सुरक्षित धरती पर लाने के लिए एक मिशन लॉन्च किया है. इस मिशन को क्रू-9 (Crew-9) मिशन नाम दिया है. दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को लाने के लिए एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स का फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट रवाना किया गया गया है. स्पेसक्राफ्ट के साथ नासा के एस्ट्रोनॉट निक हेग और रूसी एस्ट्रोनॉट एलेक्जेंडर गोरबुनोव भी गए हैं. स्पेसक्राफ्ट में कुल चार सीटें हैं और दो सीटें सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर के लिए खाली छोड़ी गई हैं.क्या है फाल्कन 9 रॉकेट (What is Falcon 9 Rocket)फाल्कन 9 एक टू वे रियूजेबल रॉकेट है, जिसे एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने पृथ्वी की कक्षा और उससे आगे आने-जाने के लिए डिजाइन किया है.
फाल्कन 9 दुनिया का पहला रियूजेबल ऑर्बिट क्लास रॉकेट है. चूंकि इस रॉकेट (Falcon 9 Rocket) को रियूज किया जा सकता है, इसलिये इससे अंतरिक्ष की यात्रा काफी किफायती होती है. SpaceX की वेबसाइट पर दी गई डिटेल के मुताबिक फाल्कन 9 रॉकेट 70 मीटर लंबा है और इसका वजन 549,054 किलो है. यह अपने साथ पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में 22,800 किलो तक वजन ले जा सकता है.
)सुनीता विलियम्स और बुश विल्मोर को लेने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (International Space Station) भेजा गया ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट, दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेसक्राफ्ट है, जो एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष स्टेशन तक लाता-ले जाता है. इस स्पेसक्राफ्ट को भी एलन मस्क की कंपनी ने ही बनाया है. ड्रैगन की एक खास बात यह है कि ये ISS से पृथ्वी तक अच्छी-खासी मात्रा में कार्गो वापस लाने में भी सक्षम है. ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट को फाल्कन 9 रॉकेट (Falcon 9) के जरिये लॉन्च किया जाता है.international space station, iss, twitter or x
कितना पैसा वसूलेगी एलन मस्क की कंपनीSyfy.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2022 से पहले फाल्कन 9 रॉकेट की लॉन्चिंग में करीब 62 मिलियन डॉलर का खर्च आता था. हालांकि एलन मस्क की कंपनी स्पेस एक्स ने साल 2022 में यह रकम बढ़ाकर 67 मिलियन डॉलर कर दिया. रुपये में यह रकम करीब पौने छह अरब के आसपास बैठती है. अगर फाल्कन रॉकेट के साथ स्पेसक्राफ्ट भी जाता है तो यह खर्च 140 मिलियन डॉलर के आसपास पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक अगर एस्ट्रोनॉट फाल्कन 9 के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन जाना या वापस आना चाहता है तो उसको पूरे रॉकेट का खर्च उठाना पड़ता है. सीट के हिसाब से भी बुकिंग की सुविधा है.spacenews की एक रिपोर्ट के मुकाबिक स्पेस एक्स और रॉकेट लैब जैसी प्राइवेट कंपनियों के चलते अंतरिक्ष में आना-जाना पहले के मुकाबला बहुत सस्ता हो गया है.
उदाहरण के तौर पर अमेरिका ने जब 16 जुलाई 1969 को अपोलो 11 मिशन लॉन्च किया था, तब इस पर कुल 185 मिलियन डॉलर खर्च हुए थे. आज के हिसाब से यह रकम 1.62 बिलियन डॉलर के आसपास बैठती है. उस जमाने के रॉकेट आज के मुकाबले बहुत कम पेलोड ले जाने में सक्षम थे.अंतरिक्ष में कैसे फंसीं सुनीता विलियम्स, ये भी जानियेसुनीता विलियम्स (Sunita williams) और बुश विल्मोर पिछले 5 महीने से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर फंसे हैं. दोनों 5 जून को बोइंग कंपनी के स्पेसक्राफ्ट ‘स्टारलाइनर’ के जरिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन गए थे. दोनों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर 8 दिन बिताने के बाद वापस लौटना था. जब इस स्पेसक्राफ्च को लॉन्च किया गया तो इसमें से 4 जगह से हिलियम गैस का रिसाव होने लगा. फिर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में डॉकिंग के वक्त इसके थ्रस्टर भी फेल हो गए.
सुनीता विलियम्स, बुच विल्मोर, स्पेसएक्स, नासा अपडेट, बोइंग स्पेस क्रू फ्लाइटसुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर आईएसएस पर काफी दिनों से फंसे हैं. (फाइल फोटो)एक्सपर्ट्स के मुताबिक स्टारलाइनर में हिलियम गैस का रिसाव गंभीर समस्या थी. इससे रिटर्न फ्लाइट में आग लगने की संभावना थी. नासा के इंजीनियर और एस्ट्रोनॉट्स ‘स्टारलाइनर’ में गड़बड़ी को ठीक करने की कोशिश करते रहे. दावा किया गया कि गड़बड़ी दुरुस्त भी कर ली गई है. हालांकि नासा ने कहा कि वो कोई रिस्क नहीं लेना चाहते इसलिये ‘स्टारलाइनर’ 6 सितंबर को बगैर सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुश विल्मोर के वापस धरती पर लौट आया.