नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट हत्या के एक मामले में उत्तर प्रदेश में उम्र कैद की सजा काट रहे तीन दोषियों की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सोमवार को सहमत हो गया। याचिका के जरिए इस आधार पर जमानत मांगी गई है कि वे लोग 17 साल से अधिक समय से जेल में हैं।
न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। याचिका में कहा गया है कि मामले में दोषसिद्धि को चुनौती देने वाली याचिकाकर्ताओं की अपीलें इलाहाबाद हाई कोर्ट में 2006 से लंबित हैं।
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रिषी मल्होत्रा ने न्यायालय में कहा कि इन दोषियों ने 17 साल और छह महीने वास्तविक तौर पर हिरासत में बिताए हैं। पीठ ने मल्होत्रा को याचिका की प्रति उप्र सरकार के वकील को सौंपने का निर्देश देने के साथ ही इसे 25 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
ये तीनों याचिकाकर्ता इस समय आगरा जेल में बंद हैं। उन्हें इस मामले में फरवरी, 2004 में गिरफ्तार किया गया था। याचिका के अनुसार निचली अदालत ने अगस्त, 2006 में हत्या के अपराध सहित भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी जिसे उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी जहां ये मामला अभी भी लंबित है।
याचिका में यह दलील भी दी गई है कि उनकी हिरासत की अवधि को ध्यान में रखते हुए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।