नई दिल्ली:- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में आज शुक्रवार को जमानत दे दी. इससे पहले ईडी मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल गई थी. केस की सुनवाई करते हुए दो जजों की बेंच ने उन्हें सशर्त जमानत दी है. अब वे जल्द ही तिहाड़ जेल से बाहर आएंगे.
आइये जानते हैं कि कोर्ट ने जमानत देते समय अरविंद केजरीवाल को किन शर्तों का पालन करने को कहा है.
तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद अरविंद केजरीवाल किसी भी सरकारी फाइल पर दस्तखत नहीं करेंगे.
उन्हें सीएम कार्यालय जाने की मनाही है.
अरविंद केजरीवाल केस से संबंधित किसी भी गवाह से मिल नहीं सकेंगे.
सार्वजनिक रूप से कोई भी बयान नहीं देंगे.
ट्रायल कोर्ट के बुलाए जाने पर अरविंद केजरीवाल को उपस्थित होना पडे़गा.
अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को किया गया था गिरफ्तार
बता दें, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें लोकसभा चुनाव 2024 के चलते 10 मई को जमानत मिली थी. उसके बाद परिणाम आने से पहले 2 जून को जेल में सरेंडर करना पड़ा था. इससे पहले कोर्ट ने डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, के. कविता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी जमानत दी थी.
जानिए क्या है दिल्ली शराब घोटाला
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की. इस पॉलिसी के तहत सरकार का शराब कारोबार से कोई सरोकार नहीं रह गया था. शराब की सभी दुकानें प्राइवेट हाथों में चली गई थीं. इस पर केजरीवाल सरकार ने दावा किया कि इससे माफिया राज का खात्मा होगा और रेवेन्यू को बढ़ावा मिलेगा. जब इस पर विवाद बढ़ा तो सीएम केजरीवाल ने 28 जुलाई 2022 को यह आदेश वापस ले लिया.
रिपोर्ट से हुआ खुलासा
कथित दिल्ली शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को मुख्य सचिव नरेश कुमार की एक रिपोर्ट से हुआ. इस रिपोर्ट के बाद डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत कई नेता संदेह के घेरे में आ गए. मामला जब सीबीआई के हाथों में पहुंचा तो अगस्त 2022 को केस दर्ज किया गया. मुख्य सचिव नरेश कुमार ने मनीष सिसोदिया पर गलत तरीके से शराब नीति तैयार करने का आरोप लगाया.