नईदिल्ली। कोर्ट ने सिसोदिया की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया. जमानत अर्जी पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने यह फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने माना कि जांच एजेंसी 338 करोड़ के लेनदेन की बात अस्थायी रूप से साबित कर पाई है.
सिसोदिया की दलील
सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को सुनवाई पूरी कर सिसोदिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. आठ महीने पहले 26 फरवरी 2023 को सीबीआई ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. सिसोदिया के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में अदालत में कहा था कि सीधे तौर पर सिसोदिया से जुड़ा कोई साक्ष्य है ही नहीं और सभी साक्ष्य दस्तावेजी प्रकृति के हैं इसलिए सिसोदिया को सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूरत नहीं है.
इस साल नहीं मिल सकेगी जमानत
सिसोदिया के वकील ने दलील दी थी कि उनके भागने का भी कोई खतरा नहीं है. वहीं ED का आरोप यह है कि नई शराब नीति ही धोखा देने के लिए बनाई गई. जबकि नई नीति समितियों द्वारा विचार-विमर्श के बाद पारदर्शी तरीके से बनाई गई और तत्कालीन एलजी ने इसकी मंजूरी दी थी. पीठ ने कहा कि अगर 6 से 8 महीने में ट्रायल पूरा नहीं होता या अगले तीन महीने में ट्रायल की रफ्तार धीमी रहने पर सिसोदिया जमानत की याचिका फिर से दाखिल कर सकते हैं.