नागपुर: नागपुर से बुधवार को एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया था, जहां डॉक्टर चाय की ‘तलब’ के कारण ऑपरेशन छोड़कर चला गया। नागपुर के पास सरकारी सहायता प्राप्त ट्यूबेक्टोमी कैंप में एक सर्जन ने चार महिलाओं को बेहोश किया और कम से कम चार घंटे के लिए “टी ब्रेक” पर चला गया। वह तभी लौटा जब उसे जिला अधिकारियों ने बुलाया। डॉक्टर के लापता होने के बारे में बताते हुए एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि वह डायबिटीज के रोगी हैं और “संभवतः हाइपोग्लाइसीमिया से पीड़ित हैं।”
घटना नागपुर से 40 किमी दूर खाट गांव की है। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शिविर आयोजित किया गया था। इस दौरान डॉक्टर तेजरंग भलावी एक लंबे “टी ब्रेक” पर चले गए और शाम 7 बजे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लौटे, वो भी तब जब बेचैन ग्रामीणों ने जिला अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉक्टर परसेओनी के एक ग्रामीण अस्पताल से जुड़ हुआ है। उन्हें 50 किमी दूर एक कैंप में ऑपरेशन के लिए नियुक्त किया गया था। स्थानीय निवासियों ने दावा किया कि डॉक्टर एकदम असहज दिख रहे थे और मरीजों को बीच में छोड़कर नागपुर चले गए। खाट गांव के निवासी तुषार कुंजेकर के हवाले से कहा गया, “सर्जन दोपहर 2.30 बजे चले गए और ऑपरेशन पूरा करने के लिए रात में लौटे।”
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग केंद्र सरकार के प्रमुख परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत पीएचसी में नियमित रूप से शिविर आयोजित करता है। रिपोर्ट के अनुसार, 3 नवंबर को कैंप में सात ट्यूबेक्टॉमी और एक पुरुष नसबंदी सहित आठ सर्जरी निर्धारित की गई थीं। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजय डावले ने घटना के बाद तीन सदस्यीय जांच पैनल का गठन किया। डॉक्टर डावले ने कहा कि सभी आठ ऑपरेशन सफल रहे। लेकिन डावले ने कोई और डिटेल नहीं दी, न ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि क्या उसी सर्जन ने बचे चार ऑपरेशन पूरे किए।
रिपोर्ट में एक शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी के हवाले से कहा गया कि डॉ. भलावी मधुमेह के मरीज हैं। उन्होंने कहा, “चार ऑपरेशन करने के बाद वह असहज महसूस कर रहे थे और उन्होंने चाय मांगी। लेकिन पीएचसी स्टाफ चाय उपलब्ध नहीं करा सका। संभावना है कि वह हाइपोग्लाइसीमिया से पीड़ित हों।” बता दें कि जब ब्लड शुगर बहुत कम हो जाती है, तो उस स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। ब्लड शुगर आपके शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, इसलिए ब्लड शुगर के कम होने से समस्याएं हो सकती हैं।