नई दिल्ली:- सीरिया अब असद राज से ‘आजाद’ हो चुका है. सीरिया की राजधानी दमिश्क में विद्रोहियों का कब्जा हो गया है. सेना ने विद्रोहियों के सामने सरेंडर कर दिया है. सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर भाग चुके हैं. सीरिया के आर्मी कमांडर ने असद सरकार के खात्मे का ऐलान किया. सीरियाई विद्रोहियों ने भी रविवार को ऐलान किया कि बशर अल-असद राजधानी से भाग गए हैं. विद्रोहियों ने दमिश्क को आजाद घोषित कर दिया है. पुलिस मुख्यालय से लेकर टीवी नेटवर्क तक पर विद्रोहियों का कब्जा है. दमिश्क की सड़कों पर विद्रोहियों के तोप-टैंक गूंज रहे हैं.
मिलिट्री ऑपरेशंस कमांड ने टेलीग्राम पर एक पोस्ट में लिखा, ‘हम तानाशाह बशर अल-असद से दमिश्क शहर को आजाद घोषित करते हैं. दुनिया भर में विस्थापित हुए सभी लोगों के लिए एक आजाद सीरिया आपका इंतजार कर रहा है.’ इससे पहले विद्रोहियों ने राजधानी में घुसने और दमिश्क के उत्तर में कुख्यात सैदनाया सैन्य जेल पर नियंत्रण करने का दावा किया था. वहीं, दूसरी ओर सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी अल-जलाली ने रविवार सुबह एक रिकॉर्डेड संदेश में कहा कि सरकार लोगों की ओर से चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है. उन्होंने साफ कहा कि वह सत्ता सौंपने के लिए तैयार हैं.
‘सरकारी संपत्ति नुकसान न पहुंचाएं’
उन्होंने कहा, ‘हम लोगों की ओर से चुने गए किसी भी नेतृत्व के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, सरकारी कामकाज का एक सुचारू और व्यवस्थित बदलाव सुनिश्चित करने, राज्य की सुविधाओं को संरक्षित रखने के लिए हर संभव सहायता की पेशकश करते हैं. पीएम गाजी अल-जलाली ने सीरियाई लोगों से सार्वजनिक संपत्तियों को नुसकान न पहुंचाने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह सभी नागरिकों की है. उन्होंने कहा, ‘मैं यहां अपने घर में हूं, कहीं नहीं गया और न ही इसे छोड़ने का इरादा है. शांतिपूर्ण तरीके से सार्वजनिक संस्थानों, राज्य की सुविधाओं के संचालन को जारी रखना सुनिश्चित करने और सभी नागरिकों के लिए सुरक्षा के लिए मौजूद हूं.’ उन्होंने अपने बयान से साफ इशारा कर दिया है कि वह विद्रोहियों की हर शर्त मानने को तैयार हैं.
अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने क्या अपील की
रअसल, सीरिया के सशस्त्र विपक्ष का नेतृत्व करने वाले मुख्य समूह हयात तहरीर अल-शाम के विद्रोही नेता अबू मोहम्मद अल-जुलानी ने विद्रोही बलों से राज्य के संस्थानों को बिना नुकसान पहुंचाए छोड़ने का आह्वान करते हुए एक बयान जारी किया. अबू मोहम्मद अल-जुलानी के नाम से मशहूर अहमद अल-शारा ने टेलीग्राम पर लिखा, ‘दमिश्क शहर के सभी सैन्य बलों के लिए, सार्वजनिक संस्थानों से संपर्क करना सख्त मना है, जो पूर्व प्रधान मंत्री की देखरेख में तब तक रहेंगे जब तक उन्हें आधिकारिक तौर पर नहीं सौंप दिया जाता है, और हवा में गोलियां चलाना भी मना है.
अब आगे क्या
बशर अल असद के जाने के बाद अब विद्रोहियों के कब्जे में सीरिया है. ऐसे में विद्रोही खुद ही सरकार चलाएंगे या फिर प्रधानमंत्री अल-जलाली ही चेहरा बने रहेंगे. इसकी वजह है कि पीएम खुद सरेंडर करते दिख रहे हैं. आर्मी भी अब लड़ाई के मूड में नहीं है. दूसरा विकल्प यह है कि हयात तहरीर अल-शाम का प्रमुख अबू मोहम्मद अल जुलानी अपने हाथ में कमान लेकर सरकार चलाएंगे. अबू मोहम्मद अल जुलानी वही शख्स हैं, जिन्होंने असद की सत्ता उखाड़ फेंकी. उनके नेतृत्व में ही विद्रोहियों ने सीरिया पर कब्जा किया है. असद के भागने के बाद अबू जुलानी अब सीरिया का सबसे ताकतवर नेता बन गया है.
24 साल के राज का अंत
दरअसल, बशर अल असद पिछले 24 सालों से सीरिया पर राज कर रहे थे. उन्हें सीरिया की सत्ता विरासत में मिली है. उनके पिता अल असद हाफेज ने 29 साल तक सीरया पर शासन किया था. उनकी सरकार रूस और अन्य देशों के समर्थन से चल रही थी. मगर इस बार अबू जुलानी की आंधी में उनकी सरकार उड़ गई. बशर अल असद 2000 में राष्ट्रपति बने थे. बशर अल-असद का जन्म दमिश्क में 11 सितम्बर 1965 को हुआ था.