दिल्ली:- देश के एक प्रमुख आंग्ल दैनिक में प्रकाशित लेख में यह विचार कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने व्यक्त किये। सोनिया गांधी ने केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को आडे हाथों लेते हुए कहा कि वह हर शक्ति का दुरुपयोग करने पर तुली हुई है। सोनिया ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार भारतीय लोकतंत्र के तीनों स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को नष्ट कर रही है। विपक्षी एकजुटता की पैरवी करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के संविधान और इसके आदर्शों की रक्षा करने के लिए कांग्रेस समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों के साथ मिलकर काम करेगी।
सोनिया ने कहा, ‘संसद के बीते सत्र के दौरान हमने देखा कि सरकार की रणनीति ने संसद को बाधित किया। विपक्ष को बेरोजगारी, महंगाई, सामाजिक विभाजन जैसे जनता से जुड़े मुद्दे उठाने से रोका। यही नहीं बजट, अदाणी घोटाले और कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं करने दी गई।’ उन्होंने कहा कि चुप्पी साधने से भारत की समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने संसद की कार्यवाही से विपक्षी नेताओं के भाषणों के अंश हटाने, संसद सदस्यों पर हमला करने और बहुत तेजी से उन्हें संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराने जैसे कई अप्रत्याशित कदम उठाए। उनका इशारा राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने की ओर था।
सोनिया ने ये भी कहा कि 45 लाख करोड़ रुपये के बजट को बिना चर्चा के पारित कर दिया गया तथा वित्त विधेयक को लोकसभा के जरिए पारित कराया गया। उस वक्त प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे।