नई दिल्ली। ऐसा कई बार होता है कि घर में घुसते ही हमें टेंशन होने लगती है। इसके पीछे कई बार कुछ वास्तुदोष भी जिम्मेदार हो सकते हैं। एक्सपर्ट से जानें इस लेख में।
किसी भी व्यक्ति के लिए घर दुनिया में सबसे अधिक रिलैक्सिंग प्लेस होता है। आप पूरा दिन चाहे जितना घूमें, लेकिन जब आप घर जाते हैं तो आपको बेहद ही सुकून महसूस होता है। घर में घुसते ही आधी थकान तो यूं ही गायब हो जाती है। लेकिन कुछ लोगों के साथ ऐसा भी होता है कि उन्हें घर में घुसते ही एक अजीब सी टेंशन होने लगती है।
जैसे ही वे घर के अंदर आते हैं, उन्हें एक अजीब सी नेगेटिविटी का अहसास होता है और ऐसे में उनका घर के अंदर रुकने का मन ही नहीं करता है। अगर वे घर के अंदर रहते भी हैं तो भी उन्हें एक अजीब सा स्ट्रेस होने लगता है। अगर आपके साथ भी ऐसा ही हो रहा है तो यह घर के वास्तुदोष के कारण हो सकता है। तो चलिए आज इस लेख में वास्तुशास्त्री डॉ. आनंद भारद्वाज आपको ऐसे कुछ वास्तुदोष के बारे में ही बता रहे हैं, जो घर में घुसते ही आपके मन में टेंशन का कारण बन सकते हैं-
बहुत अधिक अंधेरा होना
अगर आपके घर में घुसते ही एंट्रेस पर बहुत अधिक अंधेरा है तो यह एक तरह की नेगेटिविटी क्रिएट करता है। इससे व्यक्ति का मन घर के अंदर आने का करता ही नहीं है। वह वापिस घर से बाहर जाना चाहता है। यह उसे एक अजीब तरह ही टेंशन देता है। इतना ही नहीं, घर की एंट्रेस की दीवारों पर सीलन या चटका हुआ प्लास्टर भी बिल्कुल अच्छा नहीं माना जाता है। इससे भी व्यक्ति को घर में घुसते ही टेंशन का अहसास होने लगता है।
सीढ़ियां होना
कई बार घरों में एंट्रेस के ठीक सामने सीढ़ियां बनी हुई होती हैं। ऐसे में दरवाजा खोलते ही व्यक्ति की नजर सबसे पहले सीढ़ियों पर जाती है। यह भी एक तरह की नेगेटिव एनर्जी क्रिएट करता है। इससे व्यक्ति को घर में घुसते ही टेंशन शुरू हो जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा है तो आपको सीढ़ी के सामने कोई रुकावट खड़ी कर देनी चाहिए। जिससे घर में आने वाले व्यक्ति की सीधी नजर दरवाजे पर ना जाए।
टॉयलेट का दरवाजा
कुछ घरों को ऐसे भी बनाया जाता है कि घर के एंट्रेस के दरवाजे के ठीक सामने टॉयलेट का दरवाजा होता है। इसे भी वास्तुशास्त्र के अनुसार अच्छा नहीं माना जाता है। इससे भी व्यक्ति के मन में नेगेटिविटी आने लगती है। अगर आपके घर में भी टॉयलेट का दरवाजा कुछ इसी तरह बना हुआ है तो ऐसे में आप उस टॉयलेट के दरवाजे की दिशा बदलने की कोशिश करें। अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो आप दरवाजे में डोर क्लोजर लगा दें, जिससे आने वाले व्यक्ति की सीधी नजर टॉयलेट पर ना पड़े।
टूटा फर्नीचर
अमूमन घरों में एंट्रेस पर ड्राइंग रूम बना हुआ होता है। लोग अपनी सहूलियत के अनुसार ड्राइंग रूम बनवाते हैं। इसमें कोई समस्या नहीं है। लेकिन अगर उस ड्राइंग रूम में कोई बहुत पुराना या टूटा फर्नीचर रखा है, तो इसे बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता है। इससे घर में नेगेटिविटी बढ़ने लगती है और लोगों के मन में टेंशन पैदा होती है। अगर आपके घर के ड्राइंग रूम में भी इसी तरह का टूटा फर्नीचर रखा है तो उसे या तो आप बाहर कर दें या फिर उसे तुरंत रिपेयर करवाएं।