नई दिल्ली:- मौजूदा समय में लोग अपनी कई जरूरतों को पूरा करने के लिए बैंक से लोन लेते हैं. इस लोन की मदद से लोग घर-मकान या गाड़ी खरीदते हैं. वहीं, कुछ लोग लोन लेकर अपना कारोबार भी शुरू करते हैं. बदले में वह बैंक को लोन ब्याज सहित लौटा देते हैं.
आमतौर पर जब कोई शख्स बैंक में लोन लेने के लिए अप्लाई करता है, तो बैंक पहले उसकी फाइनेंशियल हिस्ट्री चेक करती है और पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद ही लोन देती है, ताकि उसे लोन रिकवरी करने में कोई परेशानी न हो.
बैंक लोन की रिकवरी कैसे करेगा
हालांकि, कई बार लोन लेने वाल शख्स की मौत हो जाती है. इस स्थिति में बैंकों के लिए मामला काफी पेचीदा हो जाती है और उसके लिए लोन रिकवरी इतनी आसान नहीं रहती. ऐसे में सवाल यह उठता है कि अगर लोन लेने वाले शख्स की मौत हो जाए तो बैंक लोन की रिकवरी कैसे करेगा.
मृतक की प्रॉपर्टी सीज करके बेच सकता है बैंक
टाटा कैपिटल के मुताबिक अगर लोन लेने वाले शख्स की मौत हो जाती है तो बैंक सबसे पहले उस लोन के को-ऐप्लिकैंट्स से संपर्क करता है. अगर लोन का को-ऐप्लिकैंट भी लोन नहीं चुका पाता है तो बैंक गारंटर या फिर मृतक के परिजनों या कानूनी उत्तराधिकारी से संपर्क करते हैं.
संपत्ति की नीलामी
अगर इनमें से कोई भी सख्स लोन की भरपाई नहीं कर पाता है तो बैंक मृतक की प्रॉपर्टी को सीज कर देता है. इसके बाद लोन लेकर खरीदे गए घर और गाड़ी को बेचने के लिए नीलामी करते हैं. नीलामी में प्रॉपर्टी बिकने के बाद जो रकम आती है, बैंक उसे अपने पास रख लेती है और इस तरह लोन की रिकवरी हो जाती है. इतना ही नहीं किसी अन्य लोन में बैंक कर्जदार की मौत के बाद अन्य प्रॉपर्टी भी सीज करके उसे बेच सकते हैं.