नई दिल्ली :– भारत की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए हर असंभव कोशिश की जा रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था में उतार चढ़ाव का चलता रहता है। कई बार इकोनॉमी की चाल सुस्त पड़ते हुए देखी जा सकती है। हालांकि केंद्र सरकार इकोनॉमी को रफ्तार देने की कोशिश में जुटी है, जिसको लेकर इस बार बजट में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। कहा जा रहा है कि इस फैसले के बाद देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ सकती है।
केंद्र सरकार की कोशिश ऐसी रणनीति बनाने की है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को पूरी ताकत से धक्का देकर दौड़ाने की है। इसके लिए बाजार में डिमांड बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। सरकार जल्द ही खपत भी बढ़ाने की कोशिश में है। खपत बढ़ाने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा खर्च करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है। ये प्रेरणा तभी आ सकती है, जब लोगों के पास कहीं ना कहीं से पैसा बचेगा। पैसा बचाने के लिए सरकार इनकम टैक्स में कटौती करने पर विचार कर रही है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि जरूरी खर्चों के लिए हाथ रोकने वाले लोग खुलकर खरीदी करें और खपत को बढ़ा सके।
इकोनॉमी को मिल सकता है बूस्टर डोज
सरकार की योजना मध्यम वर्ग परिवारों का खर्च बढ़ाने की प्लानिंग की है। सरकार की देश की आम जनता से पैसा निकलवाकर शॉपिंग बढ़ाने की प्लानिंग है ताकि इससे इकोनॉमी को बूस्टर डोज मिल सकता है। इसके लिए सरकार इस बार के बजट में 15 लाख रुपये सालाना आय वालों के द्वारा दिए जाने वाले इनकम टैक्स में कटौती पर विचार कर सकते हैं। सरकार की इस पहल से महंगाई के बोझ तले दबी देश की जनता को फायदा हो सकता है और लोगों का रहन-सहन भी ऊंचा उठ सकता है और उन लोगों का खर्च बढ़ सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार इनकम टैक्स की दरों में इस आगामी बजट में कटौती का ऐलान कर सकती है।
कितनी हो सकती है कटौती
हालांकि कहा जा रहा है कि अभी सरकार ने ये तय नहीं किया है कि इनकम टैक्स की दरों में कितनी प्रतिशत कटौती की जा सकती है। सरकार अभी इसको लेकर हाई लेवल पर मंथन कर रही है। इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि इनकम टैक्स की दरों में कटौती करने से सरकारी खजाने पर क्या असर हो सकता है। इनकम टैक्स में कटौती से लोग नई टैक्स पॉलिसी को चुनना चाहेंगे, जो पुरानी टैक्स पॉलिसी से काफी आसान है।