दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (एटीटीएफ) के सभी गुटों और विंगों को गैरकानूनी घोषित कर दिया. इन पर 5 साल के लिए पूरी तरह बैन लगा दिया गया है. एक अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने कहा कि एनएलएफटी और एटीटीएफ का मकसद पूर्वोत्तर राज्य के अन्य सशस्त्र अलगाववादी संगठनों के साथ मिलकर हथियार के बल पर त्रिपुरा को भारत से अलग करके एक स्वतंत्र राष्ट्र की स्थापना करना है.
मंत्रालय ने आगे कहा कि केंद्र की राय है कि एनएलएफटी और एटीटीएफ विध्वंसक और हिंसक गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जिससे सरकार के अधिकार को कमजोर किया जा रहा है और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए लोगों के बीच आतंक और हिंसा फैलाई जा रही है. दोनों समूह, हाल के दिनों में अपने लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हिंसक और गैरकानूनी गतिविधियों में लगे हुए हैं, जो भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं अधिसूचना में कहा गया है कि ये समूह नागरिकों, पुलिस और सुरक्षा बलों के कर्मियों की हत्या में भी शामिल हैं और व्यवसायियों और व्यापारियों सहित जनता से पैसों की जबरन वसूली में लगे हुए हैं.
एनएलएफटी और एटीटीएफ के लोग ट्रेनिंग, हथियारों और गोला-बारूद की खरीद आदि के उद्देश्य से पड़ोसी देशों में शिविरों की स्थापना कर वहां रह रहे हैं. केंद्र की भी राय है कि एनएलएफटी और एटीटीएफ की उपरोक्त गतिविधियां भारत की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक हैं और वे गैरकानूनी संघ हैं.