रायपुर:- कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार ने मुस्लिम ठेकेदारों को चार फीसदी का आरक्षण देने का ऐलान किया है. कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर अब देशभर में सियासत गर्माती जा रही है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि कांग्रेस की सरकार सीधे सीधे तुष्टिकरण की पराकाष्ठा पर उतर आई है. सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार का ये फैसला भारतीय संविधान की मूल भावना के खिलाफ है. इस तरह के फैसले से समाज और देश में गलत संदेश जाएगा.
”तुष्टिकरण की पराकाष्ठा”: सीएम विष्णु देव साय ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़े और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से कहा कि वो इस फैसले को वापस लें. सीएम साय ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को चाहिए कि वो कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए इस फैसले को रद्द करे. साय ने ये भी मांग की है कि जल्द से जल्द ये फैसला वापस लिया जाना चाहिए.
कांग्रेस जहां कहीं भी सत्ता में आती है वो संविधान की मूल भावना का गला घोंटने की कोशिश करती है – विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री
मुस्लिम ठेकेदारों को 4 फीसदी आरक्षण: दरअसल, सिद्धारमैया सरकार ने सरकारी निविदाओं में मुस्लिम ठेकेदारों को चार प्रतिशत आरक्षण देने के लिए कर्नाटक सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन करने को मंजूरी दे दी है. कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर साय ने कहा, ‘यह फैसला समाज में वैमनस्य फैलाने के लिए कांग्रेस की एक सुनियोजित साजिश है. अदालतें पहले ही धर्म आधारित आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर चुकी हैं, इसलिए यह फैसला भी न्यायिक समीक्षा के सामने टिक नहीं पाएगा. कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति के लिए वंचित वर्गों के अधिकारों से खेल रही है.
बीजेपी ने की फैसले की आलोचना: भाजपा नेता ने कहा कि आदिवासियों, दलितों और समाज के वंचित वर्गों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. खड़गे खुद समाज के वंचित वर्ग से आते हैं, फिर भी वे कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के प्रभाव में अपने ही समाज के खिलाफ साजिश का हिस्सा बन रहे हैं. सीएम साय ने कहा कि खड़गे जी सावधान रहें, इतिहास आपको माफ नहीं करेगा