यूपी:- बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की सीटों पर हार की समीक्षा शुरू कर दी है. वहीं आगामी विधानसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार की जा रही है. बीजेपी की समीक्षा दो स्तरों पर की जा रही है, जिसमें क्षेत्रवार प्रत्याशियों को बुलाकर उनसे उनकी हार के कारण पूछे जा रहे हैं और सुझाव के लिए जा रहे हैं इसकी एक कंपाइल रिपोर्ट बनेगी. अवध क्षेत्र के प्रत्याशियों से बात हो चुकी है. जहां आज कानपुर और बुंदेलखंड क्षेत्र के प्रत्याशियों से बैठक हुई है.
जिसमें पता लगाने की कोशिश की गई कि कहां कमी रह गई कि चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन यूपी की लोकसभा सीटों पर इतना बुरा रहा. वहीं, आज पार्टी मुख्यालय में भाजपा बैठक के लिए पदाधिकारी भी पहुंचे. बीजेपी संगठन के पदाधिकारी को चुनाव में अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी. बैठक में सभी संगठन के पदाधिकारी से भी पूछा गया कि चुनाव के दौरान क्या कुछ कमी रह गई. इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी बीजेपी दफ्तर पहुंचे.
चुनावों में हारने के कारणों को जानने की कोशिश
इस बीच यूपी का बीजेपी संगठन अलग-अलग जगहों से हारे सभी प्रत्याशियों से बातचीत करने में जुटा हुआ है. इसके अलावा बीजेपी ने 80 लोकसभा की सीटों के लिए 80 पदाधिकारियों की 40 टीमें बनाई हैं, जिसमें हर टीम को दो लोकसभा क्षेत्र दिए गए हैं. वहीं,15 जून से सभी बीजेपी की टीमें लोकसभा की सभी 80 सीटों पर जाएंगी. यह टीमें तीन से चार दिन में हार और वोट प्रतिशत कम होने के जमीनी कारणों का पता लगाएंगी और प्रदेश नेतृत्व को 20 जून तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. इसके बाद यह रिपोर्ट केंद्रीय आलाकमान दिल्ली को भेजी जाएगी.
UP में हार ने बढ़ाई भाजपा की चिंता
दरअसल, यूपी के इस बार के लोकसभा चुनावों के परिणाम काफी चौकाने वाले रहे. जहां बीजेपी ने सभी 80 सीटों पर जीत का दावा कर रही था, लेकिन असल रिजल्ट में उसे तगड़ा झटका लगा है. इस दौरान विपक्षी INDIA अलायंस की पार्टनर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने 43 सीटों पर जीत हासिल की. जबकि, बीजेपी वाले एनडीए गठबंधन ने कुल 36 सीटें हासिल कीं. वहीं, यूपी नगीना लोकसभा सीट आजाद समाज पार्टी को मिली है. जबकि बीएसपी 10 लोकसभा सीटें से शून्य सीट पर आ गई.