नई दिल्ली:– हिंदू परिवार में सुबह-शाम भगवान के मंदिर के आगे दीपक जलाना अनिवार्य होता है। यह दीपक घर की सुख-शांति का प्रतीक होता है और इससे सकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश करती है। इतना ही नहीं, दीपक की लौ भी आपको भविष्य के बारे में बहुत कुछ बता देती है। खासतौर पर दीपक की लौ की दिशा बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। इस विषय पर हमारी बातचीत पंडित विनोद सोनी से हुई है। वह कहते हैं, “दीपक की लौ अग्नि का प्रतीक होती है और इसे जीवन-दाता और जीवन भक्षक दोनों माना जाता है। ऐसे में लौ किसी दिशा में उजाला फैला रही है, इससे आपको अपने भविष्य की बातें पता चल सकती हैं। क्योंकि हर दिशा में एक अलग ऊर्जा होती है।”
ऐसे में किस दिशा में लौ आपको क्या ऊर्जा दे रही है, यह जानने के लिए आप इस लेख को अंत तक पढ़ सकती हैं। लेख में पंडित जी द्वारा न केवल लौ की दिशा के प्रभाव बताए गए हैं बल्कि इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि दिन के किस परहर में लौ कि क्या दिशा होने पर आपके जीवन में क्या प्रभाव पड़ सकता है।
अगर दीपक जलाने के बाद उसकी लौ पूर्व दिशा की ओर बह रही है, तो यह बहुत ही शुभ हो सकता है। यह उन लोगों के लिए बहुत ही अच्छा है , जिनको लंबे वक्त से कोई रोग होता है। पूर्व दिशा दीपक की लौ का बहना इस बात की ओर इशारा करता है कि आपको भगवान लंबी आयु का आशीर्वाद दे रहे हैं। पंडित जी कहते हैं, “इससे यह भी संकेत मिलते हैं कि आपके जीवन में आ रही आर्थिक पेरशानियां अब कम होंगी।” इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा भी प्रवेश करती है।
- दीपक की लौ उत्तर दिशा में
दीपक जलाने के बाद लौ अगर उत्तर दिशा में बह रही है, तो यह भी बहुत अच्छा माना गया है। यह संकेत देता है कि आने वाले समय में आपके घर में सुख-समृद्धि के साथ-साथ धन की भी कोई कमी नहीं होगी। इतना ही नहीं, आपको आने वाले वक्त में बहुत बड़ा धन लाभ भी होगा। अगर लौ उत्तर दिशा की ओर बह रही है, तो इससे यह भी पता चलता है कि आपके घर में आने वाले वक्त में कोई कमी नहीं होगी। - दीपक की लौ पश्चिम दिशा में
पश्चिम दिशा में दीपक की लौर बहती है, तो यह भी अच्छा माना जाता है। मनुष्य की जीवन में बहुत सारी समस्याएं होती हैं, मगर इन समस्याओं से निपटने के लिए कई बार हमें समाधान नहीं मिलते हैं। हालांकि, लौ का श्चिम दिशा में बहना यही संकेत देता है कि आपको हर दिक्कत से निपटने का रास्ता मिलने वाला है। पंडित जी कहते हैं, “वास्तु में इस दिशा को शांति और समाधान का बताया जाता है। “ - दीपक की लौ दक्षिण दिशा मेंदक्षिण दिशा में दीपक की लौ का बहना अशुभ होता है। यह दिशा दिशा को यम और पितरों की दिशा माना जाता है। इस दिशा का स्वामी मंगल होता है। यह की ऊर्जा बहुत तेज होती है। ऐसा कहते हैं कि आपको आने वाले वक्त में पद औश्र प्रतिष्ठा मिलेगी या नहीं, इसी दिशा से तय होता है। मगर दीपक की लौ जब इस दिशा में बहती है, तो वह आपकी खुशियों को प्रभावित करती है। इतना ही नहीं, आपको आने वाले वक्त में कोई बड़ी परेशानी का समना भी करना पड़ सकता है।
दीपक की लौ और इसके आकार का महत्व
अगर दीपक की लौ बहुत ज्यादा ऊंची है तो यह शुभ संकेत हैं। ऐसा माना जाता है कि भगवान से आपने जिस भी चीज के लिए प्रार्थना की है, वो उन्होंने स्वीकार कर ली है।
जब दीपक की लौ में फूल जैसी आकृति बनती है, तो इसका मतलब होता है कि आपकी प्रार्थना भगवान तक पहुंच चुकी है। यह शुभ संकेत है और यह इस बात का प्रतीक है कि आपकी इच्छाएं और मन्नतें पूरी होने वाली हैं।
अगर दीपक की लौ गो आकर में हैं, तो संकेत है कि आपको जीवन में बहत जल्द कुछ ऐसा मिलने वाला है, जो आपको खुशियां देगा।
अगर आपके दीपक की बाती पूरी तरह से जल गई है तो यह दर्शाता है कि आप अपने हर लक्ष्य को पूरा कर पाएंगी।
अगर दीपक की बाती सीधी और स्थिर जल रही है तो यह भी शुभता का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि जब आप ध्यान लगाकर पूजा करते हैं, तब ऐसा होता है।
दीपक की लौ हमारे जीवन का प्रतीक है। यह हमें जीवन के हर पहलू में प्रेरणा और दिशा दिखाने का काम करती है। अगर हम इसे सही तरीके से समझें और इसका पालन करें, तो यह न केवल हमारे जीवन को बेहतर बना सकती है, बल्कि हमारे मन और आत्मा को भी शुद्ध कर सकती है।
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