नागपुर-गोवा एक्सप्रेसवे 802 किलोमीटर लंबा बनाया जा रहा है.यह एक्सप्रेसवे रास्ते में आपको 3 शक्तिपीठों के दर्शन कराएगा.एक्सप्रेसवे के निर्माण 83 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होगा.नई दिल्ली. वैसे तो देश में 100 से ज्यादा एक्सप्रेसवे बन रहे हैं या बन चुके हैं, लेकिन, पहली बार एक धार्मिक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है. इस एक्सप्रेसवे पर सफर करते हुए आप 3 शक्तिपीठों के दर्शन भी कर सकेंगे. यही कारण है कि सरकार ने इसका नाम ही शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे (Shaktipeeth Expressway) रख दिया गया है. यह एक्सप्रेसवे आपको गोवा की भी सैर कराएगा और अभी जिस दूरी को पूरा करने में 21 घंटे का समय लगता है, वह दूरी सिर्फ 8 घंटे में पूरी हो जाएगी और आपके 13 घंटे बच भी जाएंगे.
दरअसल, हम बात कर रहे हैं नागपुर से गोवा (Nagpur-Goa Expressway) के बीच बनने वाले एक्सप्रेसवे की, जिसे शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे भी नाम दिया गया है. इसका निर्माण महाराष्ट्र स्टेट डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन कर रहा है. 802 किलोमीटर के इस एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा, क्योंकि जमीन अधिग्रहण का काम करीब-करीब पूरा हो गया है. इसे मंजूरी तो मार्च 2,023 में ही मिल गई थी, लेकिन अभी तक का समय जमीन अधिग्रहण में समय चला गया. 6 लेन की यह सड़क 2028-29 तक तैयार हो जाएगी. इसकी लागत करीब 83,600 करोड़ रुपये बताई जा रही है.
3 शक्तिपीठों के होंगे दर्शनआप नागपुर से चलकर गोवा जा रहे घूमने और रास्ते में आपको 3 शक्तिपीठों के दर्शन भी हो जाएं तो क्या ही बात है. यह एक्सप्रेसवे इसी बात को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है. नागपुर से चलने के बाद सबसे पहले आता है महालक्ष्मी शक्तिपीठ जिसे स्कंदर पुराण के हिसाब से 18 महाशक्तिपीठों में शामिल किया गया है. आगे बढ़ने पर तुलजा भवानी देवी का शक्तिपीठ आता है, जहां भगवती के बाएं शरीर का हिस्सा गिरा था. तीसरा और अंतिम शक्तिपीठ पत्रादेवी का आता है, जो वर्धा जिले में पड़ता है.टूरिज्म के साथ ट्रेड को बढ़ावायह एक्सप्रेसवे नागपुर से सीधे गोवा तक बनाया जा रहा है.
यहां हर साल लाखों पर्यटक आते हैं और अब वे सड़क मार्ग से जाना भी पसंद करेंगे. जाहिर है कि इस रास्ते में पड़ने वाले गांवों और कस्बों का विकास होगा. जमीनों के रेट ऊपर जाएंगे और दुकानदार व ट्रेड में भी बढ़ोतरी होगी. रियल एस्टेट सेक्टर को भी इसका लाभ मिलेगा, क्योंकि एक्सप्रेसवे के आसपास नए प्रोजेक्ट भी आएंगे. नागपुर और गोवा तक सीधी कनेक्टिविटी ट्रेड को भी बढ़ावा देगी.
अभी मिलता है हैवी ट्रैफिकऐसा नहीं है कि नागपुर से गोवा तक अभी सीधी कनेक्टिविटी नहीं है, लेकिन इस रास्ते पर मुंबई और पुणे से हैवी ट्रैफिक वाले शहर आते हैं. जाहिर है कि आपकी स्पीड काफी कम रहेगी और जाम में भी फंसना पड़ सकता है. यही कारण है कि अभी दोनों शहरों के बीच आने-जाने में 21 घंटे का समय लगता है. एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह दूरी महज 8 घंटे में तय हो जाएगी और आपका 13 घंटे का सफर बचेगा.