छत्तीसगढ़ सरकार ने जन्म पंजीयन के नियमों में बदलाव किया है। अब बिना नाम के पंजीयन की अवधि बढ़ाकर पांच वर्ष कर दी गई है। सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।अफसरों ने बताया की संसोधन के अनुसार जहां नाम के बिना किसी बच्चे का रजिस्ट्रीकरण किया गया हो वहां ऐसे बच्चे के माता पिता या अभिभावक बच्चे के जन्म के रजिस्ट्रीकरण की निधि से मौखिक रूप में या लिखित में रजिस्ट्रार को बच्चे का नाम के संबंध में सूचना देगा लेकिन अब ऐसे मामले में, जहां रजिस्ट्रीकरण, छत्तीसगढ़ जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2001 के प्रारंभ की तिथि से पूर्व किया गया था। वहां सूचना इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से आर पांच वर्ष की अवधि तक दी जाएगी।
ऐसे मामले में रजिस्ट्रीकरण कचौरागढ़ जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2001 के प्रारंभ की विधि को या बाद में किया गया है, वहां सूचना ऐसे रजिस्ट्रीकरण की तिथि से पन्द्रह वर्ष की अवधि की समाप्ति के पूर्व या इस अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से अपतर पाँच वर्ष की अवधि तक दी जाएगी।
ऐसे मामले में जहां रजिस्ट्रीकरण तीसगढ़ जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रीकरण नियम, 2001 के प्रारंभ को या बाद में किया जाता है और सूचना ऐसे रजिस्ट्रीकरण की तिथि से पन्द्रह वर्ष की अवधि की समाप्ति से पूर्व दी जाती है. वहाँ धारा 23 की उप-धारा (4) के उपबन्धों के अधीन रहते हुए रजिस्ट्रार
(क) यदि रजिस्टर उनके कब्जे में है तो पांच रूपए की विलम्ब फीस के भुगतान पर जन्म रजिस्टर के सुसंगत कालम में नाग को तुरंत दर्ज करेगा
(ख) यदि रजिस्टर उनके कब्जे में नहीं है तथा यदि सूचना मौखिक रूप में दी गई है, तो आवश्यक विवरण अन्तर्विष्ट करते हुए एक रिपोर्ट तैयार करेगा, तथा यदि सूचना लिखित में दी गई है, तो पांच रुपए की विलम्ब फीस के भुगतान पर आवश्यक प्रविष्टि करेगा और उसे जिला रजिस्ट्रार को अग्रेषित करेगा।”