नई दिल्ली:– हरियाणा सरकार के प्रयासों के बावजूद सरकारी स्कूलों में ड्रॉप आउट छात्रों की समस्या बढ़ती जा रही है। अब हरियाणा शिक्षा विभाग ने 2024-25 के सेशन में स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का सर्वे कराने का फैसला लिया है। 1 जनवरी 2025 को स्कूल लेवल पर पढ़ाई बीच में छोड़ने वाले बच्चों से संबंधित सर्वे शुरू होगा। उन्हें स्कूलों में फिर से दाखिला दिलाया जाएगा। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से सर्वे का शेड्यूल जारी कर दिया गया है।
हरियाणा में स्कूल ड्रॉप-आउट के लिए एक्शन प्लान
शिक्षा विभाग ने वर्ष 2025-26 के सेशन में स्कूल छोड़ चुके बच्चों का पढ़ाई से फिर नाता जोड़ने के लिए एक्शन प्लान तैयार किया है। इसे लागू करने में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जिला शिक्षा अधिकारी और शिक्षकों का विशेष सहयोग रहेगा। विभाग की ओर से अतिरिक्त जिला उपायुक्त, शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और समस्त जिला परियोजना समन्वयक समग्र शिक्षा को पत्र लिखकर हिदायत दी गई है कि 2025-26 के सेशन में स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पहचान के लिए सर्वे कराया जाए।
प्रदेशभर में नए साल की शुरुआत के साथ पहली जनवरी 2025 को स्कूल स्तर पर सर्वे शुरू होगा। दरअसल, नई शिक्षा नीति-2020 के प्राइमरी लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्कूल छोड़ चुके बच्चों का स्कूलों में फिर कराने की योजना तैयार की गई है। शिक्षा विभाग ड्रॉप आउट बच्चों का डाटा तैयार करेगा और नए शैक्षणिक सत्र की शुरूआत होते ही उनका नामांकन शुरू किया जाएगा।
सेशन की शुरुआत होने से पहले शिक्षा विभाग सेशन के बीच में पढ़ाई छोड़ने वाले बच्चों का डेटा तैयार करता है। यही नहीं, उनका स्कूलों में दाखिला भी कराया जाता है। शिक्षा विभाग का लक्ष्य एससी और एसटी समुदायों के साथ सड़क पर रहने वाले बच्चों, भिखारियों, अनाथ, बेघरों, प्रवासियों, विमुक्त जनजातियों के समूहों की आबादी को शिक्षा के साथ जोड़ना है। शिक्षा विभाग ने स्कूल स्तर पर छह दिन सर्वे का प्लान तैयार किया गया है।
सर्वे में क्या होगा, कैसे होगा?
1 जनवरी 2025 से लेकर 6 जनवरी तक सर्वे चलेगा।
शिक्षक गांव स्तर पर सर्वे करेंगे। स्कूल स्तर पर शिक्षक गांव में घर-घर जाकर सर्वे करें और डाटा तैयार करेंगे कि बच्चे स्कूल जा रहे हैं या नहीं, स्कूल नहीं जाने का कारण उल्लेख करेंगे और आगामी सत्र के लिए बच्चों का दाखिला स्कूलों में कराने के लिए अभिभावकों से आग्रह करेंगे। ज्यादा फोकस श्रमिक और प्रवासी मजदूरों के परिवारों पर रहेगा।
स्कूल न जाने वाले बच्चों की लिस्ट तैयार करके स्कूल मुखिया को मुहैया कराई जाएगी।
इसके बाद स्कूल के प्रिंसिपल सूची को क्लस्टर प्रमुख को मुहैया कराएंगे।
शिक्षा विभाग की महानिदेशक आशिमा बराड़ ने जिला शिक्षा अधिकारी और मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए स्कूल न जाने वाले और ड्रॉप आउट बच्चों की पहचान करने के लिए सर्वे किया जाएगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत सभी बच्चों का स्कूलों में नामांकन और नियमित उपस्थिति जरूरी है। लिहाजा स्कूल स्तर पर शिक्षक और वॉलेंटियर घर-घर जाकर 7 से 14 आयु वर्ग और 15 से 19 आयु वर्ग के बच्चों का डाटा तैयार करेंगे।