सोने की पर्त से दमकते रामलला के मंदिर के दरवाजे, 32 सीढ़ियां चढ़कर सिंहद्वार से मंदिर में प्रवेश और बिना लोहे के 70 एकड़ में बना भव्य मंदिर. राम मंदिर सिर्फ इतना भर नहीं है, जितना नजर आ रहा है. इसकी भव्यता में अभी और इजाफा होगा. सुंदरता में और चार चांद लगेंगे. रामलला के मंदिर में गर्भ गृह का कार्य पूरा हो गया है. प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हो चुकी है. इसके साथ ही द्वितीय तल भी भव्य आकार ले रहा है.राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की निर्माण समिति के प्रमुख नृपेंद्र मिश्र का कहना है, पूरा मंदिर तीन चरणों में पूरा किया किया जाना है. राम मंदिर के निर्माण का पहला चरण पूरा हो गया है. जानिए, राम मंदिर पूरा होने में कितना काम अभी बाकी है.
शिखर पर लगेगा सोने का कलशराम मंदिर का शिखर सोने के कलश से दमकेगा. प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हो चुकी है, अब जल्द ही इस हिस्से में निर्माण शुरू होगा. इसके साथ दूसरे निर्माण कार्य पूरे होने में करीब एक साल का समय लगेगा. इसके साथ ही कई ऐसे निर्माण कार्य होने बाकी हैं जो भक्तों की सुविधाओं से जुड़े हैं. इन सुविधाओं के तहत मंदिर परिसर के लिए बननेP वाले प्रवेश द्वार, श्रद्धालुओं के घूमने के लिए परिसर में कई मार्गों का निर्माण किया जाएगा. मंदिर के आसपास पार्कों और सार्वजनिक सुविधाओं का निर्माण भी किया जाना है.
Gold Door At Ram Lalla Templeमंदिर को चारों तरफ से घेरेगा परकोटारामलला मंदिर के द्वितीय तल पर एक परकोटा का निर्माण होगा, जो मंदिर परिसर को चारों तरफ से घेरेगा. यह परकोटा भी मंदिर की खूबसूरती का अहम हिस्सा होगा. इस परकोटा में 7 मंदिर बनाए जाएंगे. इन मंदिरों में भगवान विष्णु, शिव, ब्रह्मा, गणेश, हनुमान, दुर्गा और सरस्वती की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी. इस तरह रामलला के मंदिर में कई देवी-देवताओं के दर्शन होंगे.
अब तक कितना भव्य निर्माण हुआ?70 एकड़ में बने राम मंदिर की नींव को तैयार करने में 2587 जगहों की मिट्टी का इस्तेमाल किया गया है. मंदिर में 5 आकर्षक मंडप नजर आते हैं. इनमें सभा मंडप, कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और प्रार्थना मंडप शामिल हैं. अगर डिजाइन संरचना पर नजर डालेंगे तो यह देश का सबसे बड़ा मंदिर कहा जाएगा.मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है. पूर्व से पश्चिम तक इसकी लम्बाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है.
खास बात है कि इसे बनाने में लोहे या स्टील का इस्तेमाल नहीं किया गया है ताकि इसी उम्र ज्यादा लम्बी हो.मंदिर के भूतल से गर्भ ग्रह के शिखर की ऊंचाई 161 फीट है. पूरे मंदिर परिसर में 392 खंभे और 44 द्वार हैं. खंभों और दीवारों पर देवी देवताओं की मूर्तियां हैं. ग्राउंड फ्लोर पर 160 खंभे, फर्स्ट फ्लोर पर 132 और सेकंड फ्लोर पर 74 खंभे हैं.