कर्नाटक के बेलगावी जिले में एक महिला को पहले निर्वस्त्र किया गया फिर उसे खंभे से बांधकर उसकी पिटाई की गई. इस घटना की हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही थी इस दौरान हाई कोर्ट ने कड़े शब्दों में निंदा की है और महिला की इस हालत को जो लोग वहां खड़े होकर देख रहे थे उन पर जुर्माना लगाने की सलाह दी है. हाई कोर्ट ने कहा है कि मूक दर्शक बने लोगों से वसूला गया जुर्माना पीड़ित महिला को दिया जाना चाहिए.
बता दें कि सोमवार को इस पूरे मामले में सुनवाई की गई, इस दौरान हाई कोर्ट की बेंच ने चिंता जताई. हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले और जस्टिस एनवाई कृष्ण दीक्षित की बेंच ने पूरे मामले की निंदा की है. पिछली सुनवाई में बेंच ने कहा था कि जैसे महाभारत में द्रौपदी के वस्त्रहरण के वक्त भगवान कृष्ण उनकी रक्षा के लिए आए थे, उस तरह से वर्तमान में कोई नहीं आ रहा है. उन्होंने इस पूरी घटना को महाभारत के द्रौपदी चीर हरण घटना से जोड़ा और कहा कि आज के दौर में कोई कृष्ण बचाव में नहीं आएगा.कोर्ट ने पुलिस की जांच पर भी असंतोष जाहिर करते हुए विभाग को फिर से रिपोर्ट सबमिट करने को कहा गया है.
इतना ही नहीं बेंच ने टिप्पणी की है कि जो लोग इस घटना को होते हुए देख रहे थे उसने फाइन की वसूली की जानी चाहिए और उसे पीड़ित महिला को दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश भी पहले के समय में इस तरह का एक टैक्स लगाते थे. हाई कोर्ट की असंतुष्टि के बाद राज्य सरकार ने यह मामला सीआईडी को जांच के लिए सौंप दिया है.क्या है मामलाबता दें कि यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब एक लड़की और एक लड़का आपस में प्यार में पड़े और घर से बिना बताए कहीं चले गए. लड़की के परिजनों को जब पता चला तो उन्होंने लड़के की मां को घर जाकर पकड़ लिया और उसके साथ मारपीट की. आरोपी परिवार यहीं नहीं रुका उन्होंने युवक की मां के पहले कपड़े उतारे फिर उसे खंभे से बांध दिया.