बिलासपुर। हाईकोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पोस्टिंग आर्डर पर रोक लगा दी है। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के शासकीय महाविद्यालय मरवाही में सहायक प्राध्यापक के पद पर पदस्थ वंदना रानी खाखा का तबादला 30 सितंबर 2022 को शासकीय महाविद्यालय मरवाही से शासकीय विलास कन्या पीजी महाविद्यालय बिलासपुर कर दिया था। उपरोक्त आदेश के परिपालन में श्रीमती खाखा ने 10 अगस्त 2022 को शासकीय विलास कन्या महाविद्यालय बिलासपुर मैं कार्यभार ग्रहण किया।
30 सितंबर 2022 को शासकीय बिलासा कन्या महाविद्यालय में पदस्थ मनीष कुमार दीवान का स्थानांतरण बिलासपुर से शासकीय महाविद्यालय मरवाही किया गया था, जिसके परिपालन में मनीष कुमार दीवान ने शासकीय महाविद्यालय मरवाही में कार्यभार ग्रहण कर अध्यापन शुरू कर दिया। इसी बीच 2 जनवरी 2023 को उच्च शिक्षा विभाग ने संशोधित तबादला आदेश जारी कर मनीष कुमार दीवान के स्थानांतरण आदेश दिनांक 30 सितंबर 2022 पदस्थापना शासकीय महाविद्यालय मरवाही के स्थान पर संशोधित करते हुए शासकीय विलासा कन्या महाविद्यालय बिलासपुर कर दिया। संशोधित तबादला आदेश की वजह से मनीष कुमार दीवान ने शासकीय विलास महाविद्यालय बिलासपुर में कार्यभार ग्रहण किया, जबकि इस पद पर सहायक प्राध्यापक वंदना रानी खाखा ने 10 अक्टूबर 2022 को ही ज्वाइन कर लिया था।
इस बीच विभाग ने फरवरी 2023 से सहायक अध्यापक श्रीमती खाखा को वेतन देना बंद कर दिया और 13 जुलाई 2023 अपर संचालक उच्च शिक्षा संचनालय द्वारा जारी आदेश में वंदना रानी काका को आधिक्य बताते हुए इनकी पद स्थापना शासकीय निरंजन केसरवानी महाविद्यालय कोटा जिला बिलासपुर में रिक्त प्राध्यापक हिंदी पद विरुद्ध आगामी आदेश तक कर दिया गया। तत्कालीन व्यवस्था के तहत वेतन आहरण एवं भुगतान की अनुमति प्रदान किया जाकर संबंधित विषय में अध्यापन एवं अन्य कार्य हेतु आगामी आदेश पर्यंत शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा में कार्य सहयोग हेतु आदेशित कर दिया गया। जिसके बाद वंदना रानी खाखा हाई कोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका दायर की।
याचिका की सुनवाई न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार व्यास के एकल पीठ में दिनांक 23 अगस्त 2023 को हुई। याचिका में यह आधार लिया गया कि याचिकाकर्ता का स्थानांतरण 30 सितंबर 2022 को मरवाही से बिलासपुर किया गया था, उनके द्वारा 10 अक्टूबर 2022 को कार्यभार ग्रहण किया गया, किंतु मात्र 9 माह बाद शासकीय निरंजन केशरवानी महाविद्यालय कोटा में संलग्न करना गलत है, क्योंकि छत्तीसगढ़ शासन के विभिन्न सर्कुलर गाइडलाइन के तहत संलग्ननीकारण को समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि उपरोक्त पद स्थापना आदेश से यह प्रतीत होता है की मनीष कुमार दीवान को लाभ पहुंचाने की उद्देश्य से जारी किया गया है।