मऊगंंज:– सरकार द्वारा ग्रामीण अंचलों से लेकर शहरों तक महिलाओं बच्चों के हित में अनेक योजनाएं संचालित की गई है आंगनबाड़ी केंद्र इसका प्रमुख उदाहरण है किंतु महिला बाल विकास के जिलाधिकारी के संरक्षण में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता योजनाओं में भ्रष्टाचार करके मूल हितग्राही को हित लाभ से वंचित कर देते हैं मनमानी तरीके से भ्रष्टाचार किया जाता है मामला मऊगंज जिले के ग्राम पटेहरा ढे़रा,कुलवहेरिया,पथरहा, सीतापुर,फरहदा का है जहां आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं पर ग्रामीणों ने केन्द्रो को कभी नहीं खोलने, दुधमुंहे बच्चों के निवाले कागजी खाना पूर्ति कर डकारने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर अजय श्रीवास्तव से शिकायत की जिसमें आरोप लगाया गया है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा केंद्र नहीं खोला जाता योजनाओं का लाभ कुपोषित बच्चों और प्रसूता महिलाओं तक नहीं पहुंच पाता कुपोषित और गर्भवती महिलाओं के लिए पोषण आहार एवं दवाइयां बेच दी जाती है कई बार गर्भवती महिलाओं के साथ अभद्रता करके आंगनबाड़ी केंद्र से भगा दिया जाता उन्हें कोई लाभ नहीं दिया जाता शिकायत के बाद सिर्फ खाना पूर्ति के लिए आंगनबाड़ी संचालिका और उसके पति को बंद कमरे में बुलाकर जांच कर लिया जाता है जबकि मऊगंज जिले में जिला मुख्यालय एवं महिला बाल विकास के जिलाधिकारी होने के बावजूद आंगनबाड़ियों में भ्रष्ट व्यवस्था संचालित है जिला अधिकारी द्वारा कभी भी आंगनबाड़ी केदो का भ्रमण नहीं किया जाता और ना ही कोई निरीक्षण किया जाता जिससे आए दिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की शिकायतें जिला कलेक्टर तक पहुंच रही है आये दिन आंगनबाड़ी केंद्र में ताला लगा रहता है फर्जी रजिस्टर में गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के नाम लिखकर पोषण आहार को रफा दफा कर दिया जाता है ग्रामीणों ने आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने आवेदन दिया गया।
जांच अधिकारी कर रहे खानापूर्ति महिला बाल विकास जिलाधिकारी के भ्रष्ट रवैया से नहीं सुधर रही आंगनबाड़ी केंद्र की स्थिति…
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