कोई भी काम आसान या मुश्किल नहीं होता बल्कि ये लोगों की सोच पर निर्भर करता है कि वो किस तरह से किसी काम को करते हैं. अगर वो काम उन्हें मुश्किल लगेगा तो मुश्किल काम है और अगर आसान लगेगा तो आसान काम है. वैसे अभी तो ठंड का मौसम चल रहा है और इस मौसम में कई जगहों पर बर्फबारी भी होती है, जहां घूमने के लिए भी लोग आते-जाते रहते हैं, पर कई जगहें ऐसी भी हैं, जहां इतनी बर्फबारी होती है कि लोग ही जम जाएं. ऐसी ही एक जगह है साइबेरिया. रूस में मौजूद इस जगह को दुनिया का सबसे ठंडा इलाका कहा जाता है. जब भयानक ठंड पड़ती है तो यहां का तापमान माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस माइनस 50 डिग्री तापमान में भी लोग खुले में काम करते हैं, मेहनत करते हैं. दरअसल, रूस के सुदूर पूर्व में बर्फ से ढका एक शिपयार्ड है, जहां भयानक ठंड में भी कर्मचारी बड़े-बड़े जहाजों के आसपास फैली बर्फ की मोटी परतों को हटाने का काम करते हैं. इस प्रक्रिया को ‘विमोरोज्का’ के नाम से जाना जाता है, जिसका मोटे तौर पर अनुवाद ‘फ्रीजिंग आउट’ के रूप में किया जाता है. यह दुनिया के सबसे मुश्किल कामों में से एक है.
क्या कहते हैं कर्मचारी?रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस के याकुटिया में स्थानीय लोग ‘विमोरोज्का’ को दुनिया के सबसे कठिन कामों में से एक बताते हैं, लेकिन ये काम करने वाले कर्मचारी कहते हैं कि ये लोगों का अपना नजरिया है. 48 वर्षीय कर्मचारी मिखाइल क्लूस कहते हैं, ‘मुझे नहीं लगता कि यह सबसे कठिन काम है. इससे भी कठिन काम हैं, लेकिन यह शायद सबसे कठिन कामों में से एक है. लोगों को समझने की जरूरत है, ठंड से प्यार करने और उसमें काम करने की जरूरत है’.आखिर कैसा काम है ये?दरअसल, ये काम कुछ ऐसा है कि जब सर्दियों में बंदरगाह पर बर्फ की मोटी परतें बिछ जाती हैं और वो बेहद ही सख्त हो जाती हैं तो उन्हें हटाने के लिए कर्मचारियों को भयानक ठंड में भी काम करना पड़ता है.
इस काम में न केवल सहनशक्ति और ताकत की जरूरत होती है, बल्कि बहुत ही सटीकता की भी जरूरत होती है. कर्मचारियों को ये सुनिश्चित करना पड़ता है कि वो बर्फ को बहुत तेजी से न काटें और नीचे पानी में न घुसें, क्योंकि ऐसा करना जानलेवा भी हो सकता है.ठंड से कांप जाते हैं कर्मचारीकहते हैं कि मौसम जितना ठंडा होता है, बर्फ उतनी ही अच्छी तरह जमती है और काम उतना ही आसान होता है. हालांकि कुछ कर्मचारियों के लिए यहां का तापमान बहुत कठिन होता है. उन्हें भयानक ठिठुरन महसूस होने लगती है.