नई दिल्ली : योग शरीर को स्वस्थ रखने का एक लाभकारी तरीका है। योगासन के नियमित अभ्यास से न केवल शरीर, बल्कि मानसिक सेहत भी दुरुस्त रहती है। यानी योगासन शारीरिक और मानसिक दोनों तरह की सेहत के लिए लाभदायक माना जाता है। कई तरह की बीमारियां हमारे शरीर और मस्तिष्क को प्रभावित करती हैं। जैसे अलग अलग दवाएं अलग अलग बीमारियों से छुटकारा दिलाती हैं, वैसे ही अलग अलग योगासन कई बीमारियों से बचाते हैं। हालांकि अगर किसी एक योग से कई सारे स्वास्थ्य लाभ का अपेक्षा करते हैं, तो प्राणायाम का अभ्यास कर सकते हैं। प्राणायाम शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही पाचन क्रिया को दुरुस्त करता है। हार्मोन्स को संतुलित रखने, रक्त परिसंचरण को बढ़ावा देने और शारीरिक समन्वय को बेहतर बनाने में कई तरह के प्राणायाम के अभ्यास को लाभदायक माना जाता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, कपालभाति प्राणायाम का रोजाना अभ्यास करने से किडनी-लिवर की सेहत पर भी अच्छा असर पड़ता है। अगली स्लाइड्स में जानें कपालभाति प्राणायाम के अभ्यास का स्वास्थ्य लाभ और कपालभाति करने की पूरी प्रक्रिया।
कैसे करते हैं कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति करने के लिए पद्मासन में बैठकर दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बना लें। गहरी सांस अंदर की ओर लेते हुए झटके से सांस छोड़ें। इस दौरान पेट को अंदर की ओर खींचें। अगर आप कपालभाति करने की शुरुआत कर रहे हैं तो 5-10 मिनट ही अभ्यास करें और समय के साथ अभ्यास को बढ़ाएं।
फेफड़ों को मजबूत करता है कपालभाति –
इस योग के अभ्यास से रक्त में ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।सांस के इस योग से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और फेफड़े मजबूत होते हैं।शरीर में विषाक्त और अन्य अपशिष्ट पदार्थों को निकालने में कपालभाति मदद करता है।
कपालभाति का नियमित अभ्यास पित्त के स्तर को नियंत्रित रखने और मेटाबाॅलिज्म दर को बढ़ाने में सहायक है।मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय करने और स्मृति व एकाग्रता शक्ति में सुधार के लिए ये योगासन लाभकारी है।कपालभाति के अभ्यास से चिंता और तनाव दूर होता है।
त्वचा को सेहतमंद और चमकदार बनाने के लिए भी कपालभाति लाभकारी है।जिन लोगों को अस्थमा और साइनस की समस्या है, उन्हें इन बीमारियों से छुटकारा दिलाने के लिए भी कपालभाति का नियमित अभ्यास फायदेमंद है।
पेट की कई दिक्कतों जिसमें पाचन संबंधी समस्याओं में सुधार भी शामिल है, को दूर करने में कपालभाति का अभ्यास लाभदायक हो सकता है।
नोट: यह लेख योगगुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।