नोजल और वाल्व वाली इस प्लास्टिक की थैली में दुकानों पर प्राकृतिक गैस भर कर बेची जा रही है ये दुकानें गैस पाइपलाइन नेटवर्क से जुड़ी हैं. यहां से गैस खरीद कर लोग इन्हें एक छोटे से इलेक्ट्रिक सक्शन पंप की सहायता से इस्तेमाल करते हैं. प्लास्टिक बैग में गैस भर कर रसोई में सप्लाई के लिए एक कंप्रेसर की जरूरत होती है. इस्तेमाल करने वालों के मुताबिक यह बैग घंटे भर में भर जाती है.
बैग में गैस भर कर इस्तेमाल करने का चलन तो तेजी से बढ़ रहा है लेकिन यह बहुत खतरनाक है. इससे जान भी जा सकती है मासूमा ने बताया इस तरह की प्लास्टिक की थैलियों से धमाका होने की चेतावनी दी जा रही है. हालांकि मैंने ऐसी किसी घटना के बारे में सुना नहीं, और अगर ऐसा है भी तो हमारे पास कोई उपाय नहीं क्योंकि सिलिंडर महंगे हैंसिलिंडर की ऊंची कीमत इसे लोगों के लिए और ज्यादा मुश्किल बना रही है. यही सिलिंडर इन्हें रखने और एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए इस्तेमाल होते हैं.
गैस बेचने वाले नजीबुल्लाह खान बताते हैं कि कार्बन स्टील या स्टील अलॉय से बने सिलिंडर की कीमत 10,000 पाकिस्तानी रुपये है इस वजह से छोटे दुकानदार, गरीब परिवार और दूसरे लोग इन्हें नहीं खरीद पाते हैं.खान ने बताया, “दोबारा इस्तेमाल होने वाली ये प्लास्टिक की थैलियां आकार के मुताबिक 500-900 पाकिस्तानी रुपये तक में आ जाती हैं, जबकि कंप्रेसर की कीमत 1,500-2000 रुपये तक है. लोग इन्हें गांव और शहर दोनों जगह इस्तेमाल कर रहे हैं. प्रशासन ने हालांकि हाल ही में प्लास्टिक की थैलियों में गैस रखने के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है.
इस्लामाबाद के पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के बर्न केयर सेंटर की मेडिकल अफसर डॉक्टर कुर्तुलैन बताती हैं कि हर रोज उनके यहां कम-से-कम आठ मरीज गैस से जुड़े हादसों में घायल होकर पहुंच रहे हैं. इनमें से एक या दो गंभीर रूप से जख्मी होते हैं.अधिकारियों की कार्रवाई के बाद अब यह व्यापार दबे-छिपे हो रहा है. जुर्माना लगने या गिरफ्तारी के डर से दुकानदार खुले में इसे नहीं बेच रहे हैं. इसकी बजाय वो सिर्फ उन्हीं ग्राहकों को ये थैलियां बेचते हैं, जिनके बारे में उन्हें यकीन है कि वो पुलिस को इस बारे में नहीं बतायेंगे.