कोरबा/कटघोरा, 11 मार्च। जिले में खनिज न्यास निधि की जमकर लूट मची हुई है, और जिसको जो मौका मिला, लूटने में कोई कसर नही छोड़ी तथा नियम एवं शर्तों को ताक में रखकर डीएमएफ फंड का जमकर दुरुपयोग किया जा रहा है। दुरुपयोग तो एक तरफ, जमकर इसमें डकैती भी हो रही है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है जहां कटघोरा में प्रभारी मुख्यकार्यपालन अधिकारी व्ही के राठौर ने अपनी पहुँच के जरिये डीएमएफ फंड से 81 लाख रुपए स्वीकृत करा लिए और जनपद पंचायत कटघोरा के अंतर्गत आने वाले 53 ग्राम पंचायतों में फंड का दुरुपयोग करते हुए कंबल वितरण करा दिया। फंड परिवर्तन कराने के मामले में सीईओ राठौर की कार्यशैली की जिले में जमकर चर्चा हो रही है। इस बात की भनक अकलतरा विधायक सौरभ सिंह को हुई और खनिज न्यास निधि में हो रही गड़बड़ी की शिकायत 11 बिंदुओं में प्रधानमंत्री से की है और केंद्रीय टीम व्दारा इसकी जांच कराने मांग की है। वहीं सिंह ने खनिज न्यास निधि से कंबल वितरित करने के मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और कहा है कि डीएमएफ फंड का उपयोग खदान क्षेत्र प्रभावित लोगों के जनहित कार्यों में लगना चाहिए, न कि इस फंड से कंबल का वितरण। उन्होंने ध्यानाकर्षण के माध्यम से इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे।
एक पंचायत में 150 से अधिक हितग्राही नही
जनपद पंचायत कटघोरा में औसतन एक ग्राम पंचायत में एक लाख रुपए का कंबल बांटा गया, जबकि पंचायतों में सिर्फ वृद्धा पेंशनधारियों को कंबल का वितरण किया गया, जहां औसतन एक पंचायत में 150 हितग्राही है और कंबल को देखकर विशेषज्ञों का मानना है कि एक कंबल की कीमत 200 से 250 तक आंकी जा सकती है। इस तरह कंबल के नाम पर डीएमएफ फंड की जमकर लूट की गई है। स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराई जाए तो लाखों का भ्रष्ट्राचार सामने आ सकता है। पूरे जनपद क्षेत्र में 10 से 15 लाख रुपए का ही कंबल बांटा गया है, जबकि अधिकांश राशि का बंदरबांट कर लिया गया। बताया जा रहा है कि सीईओ राठौर भ्रष्ट्राचार से बचने पंचायतों में राशि डालने की बात सरपंच- सचिवों से कह रहे है और राशि डालने के बाद चेक के माध्यम से वापस राशि मांगी जाएगी। एक सचिव ने बिना नाम छापने की शर्त पर बताया कि उसने अपनी पंचायत में कंबल बांटा ही नही और ना ही मैं राशि लूंगा और चेक दूंगा।
इतनी बड़ी रकम के लिए टेंडर भी सार्वजनिक नही
इतनी बड़ी राशि से कंबल खरीदी के लिए किसी प्रकार की निविदा भी नही निकाली गई और निकाली भी गई होगी तो वह सार्वजनिक नही हुई। कुल मिलाकर कंबल वितरण के इस पूरे मामले में भारी भ्रष्ट्राचार की बू आ रही है। जिसकी निष्पक्ष जांच अति आवश्यक है।
कंबल का वितरण पूरा हुआ
इस संबंध पर सीईओ व्ही के राठौर से प्रतिक्रिया लेने पर उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में कंबल का वितरण पूर्ण हो चुका है। उन्होंने किस मद से यह काम हुआ, नही बताया।
कटघोरा में कंबल के बाद पाली में चल रहा डस्टबीन घोटाला
कटघोरा में डीएमएफ फंड से कंबल वितरण के मामले पर चर्चा में आने के बाद सीईओ राठौर द्वारा पाली में भी डीएमएफ से ग्राम पंचायतों में घटिया डस्टबीन बांटने के मामले में इन दिनों सुर्खियों में बने हुए है। जिसकी आड़ में भ्रष्ट्राचार को अंजाम देने की सुनियोजित नीति तैयार है, जिस मामले को भी खबर के माध्यम से जल्द प्रसारित किया जाएगा।