नई दिल्ली:– सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ बुधवार यानी 14 अगस्त को इस बात पर फैसला सुनाएगी कि खनिज युक्त भूमि पर कर लगाने के राज्यों को दिए गए अधिकार से संबंधित 25 जुलाई के उसके फैसले को पूर्व से लागू माना जाएगा या आदेश की तारीख से। इस फैसले से साफ होगा कि राज्य कब से टैक्स ले सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले की थी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की संविधान पीठ ने 25 जुलाई को आठ-एक के बहुमत से दिए फैसले में कहा था कि राज्यों को खदानों और खनिज वाली भूमि व खनिज अधिकारों पर कर लगाने का अधिकार है। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि राज्यों के पास ऐसा करने की विधायी क्षमता और शक्ति है।
सुपीम कोर्ट ने खनिज व खदानों के मामले में कर व्यवस्था पर व्यापक प्रभाव वाले फैसले में कहा था कि रायल्टी को कर नहीं माना जा सकता। इस फैसले से खनिज व खदान संपन्न राज्य ओडिशा, झारखंड, बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान को फायदा होगा।
चीफ जस्टिस ने रॉयल्टी को लेकर कही थी ये बात
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने स्वयं और सात अन्य जजों की ओर से बहुमत का फैसला पढ़ते हुए कहा था कि रॉयल्टी कर की प्रकृति में नहीं आती क्योंकि यह खनन का पट्टा या ठेका लेने के बदले दिया जाने वाला भुगतान होता है।