जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर बच्चों की पढाई शुरू करने की मांग
जिला शिक्षा अधिकारी का रटारटाया बयान जांच कर उचित कार्यवाही
नारायणपुर – नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ के ग्रामीण अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर काफी चिंतित व परेशान है क्योंकि उनके गांवो के स्कूल खुले तो है पर स्कूल सफ्ताह में एक से दो दिन ही खुलते है वो भी महज 2 से 3 घंटे ही खुलता है क्योंकि शिक्षक 11 बजे कभी तो 12 बजे आते है और 2 बजे तक वापस हो जाते है । कोरोना के चलते पढ़ाई प्रभावित रही थी लेकिन जब स्कूल खुल गये है तो यहां पदस्थ शिक्षक अपनी सेवा क्यो नही दे रहे है । कई गांवो के स्कूल तो खुले भी नही है गांव के बच्चे गांव में खेल-कूदकर अपना समय व्यतीत कर रहे है अगर स्कूल खुलते तो बच्चे पढ़ाई करते इस कदर अपना समय खराब नही करते । वही जिला शिक्षा अधिकारी मंडावी रटा रटाया बयान देते नजर आए की बीईओ को भेजकर जांच कर उचित कार्यवाही की जाएगी ।
अबूझमाड़ के 4 संकुलों नेडनार , कस्तूरमेटा , मोहंदी और धुरबेड़ा संकुल के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौपकर स्कूलों में पढ़ाई करवाने की मांग की ताकि उनके बच्चे पढ़ाई से वंचित ना रहे । ग्रामीणों ने बताया कि 20 सितम्बर को नेडनार संकुल में शिक्षकों की बैठक थी उस दिन चारो संकुल के ग्रामीण भी पहुचे और शिक्षकों से स्कूल खोलने व बच्चों की पढ़ाई के बारे में पूछा गया तो संकुल समन्वयकों ने बताया कि स्कूल खोलने के आदेश नही आये है मंत्रालय से इसलिए स्कूल नही खुल रहे है कलेक्टर के पास जाओगे तो भी यही जवाब देंगे कि मंत्रालय के आदेश आने के बाद स्कूल खुलेंगे । बाकी जगहों पर स्कूल खुल गए है लेकिन हमारे संकुलों के स्कूल क्यो नही खुले है अगर खुले भी है तो सफ्ताह में 1 से 2 ही दिन क्यो पढ़ाई होती है पूरे दिन होनी चाहिये । बच्चों के पालकों ने कहा कि स्कूल के बच्चों से मिलकर आप सवाल पूछेंगे तो जाएंगे को किस स्तर की पढ़ाई हो रही है और कितने दिन पढ़ाई होती है । वही इस पूरे मामले पर जिला शिक्षा अधिकारी जी.एस.मंडावी ने कहा कि आश्रम-छात्रवासों को खोलने के आदेश नही आये है इसलिए वे बंद है । स्कूल खुले है अगर उन स्कूलों में शिक्षक नही जाते है तो बीईओ से जांच कर उचित कार्यवाही करने को बात कही ।