क्या दुनिया को हथियार, युद्ध और बम जैसी खतरनाक बातों से डरने की जरूरत है? क्या ये प्रदूषण दुनिया के लिए बड़ा खतरा है? अगर आप ऐसा सोचते हैं तो आपको एक बार दोबारा सोचना चाहिए क्योंकि अगले 2 साल में दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा ‘WhatsApp University’ का ज्ञान बनने वाला है. जी हां, दुनिया के टॉप-10 जोखिमों के बारे में अगर बात की जाए, तो ये नंबर-1 की पोजिशन पर आता है.वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने एक लिस्ट जारी की है. इसका नाम ‘ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट-2024’ है.
इसमें अगले 2 साल में दुनिया के सामने आने वाले 10 सबसे बड़े जोखिमों की बात की गई है और इसमें ‘मिसइंफॉर्मेशन’ या ‘डिसइंफॉर्मेशन’ को दुनिया के लिए सबसे बड़ा जोखिम बताया गया है. इसका संबंध फेक न्यूज से है और आम लोगों की स्लैंग में इसे ही ‘व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी का ज्ञान’ कहा जाता है.वैसे हमारे बड़े-बुजुर्ग कहकर ही गए हैं कि ‘अधजल गगरी छलकत जाए’, इस मुहावरे का सीधा-सपाट मतलब है कि जिन लोगों के पास कम ज्ञान या जानकारी होती है, वो शेखी ज्यादा बघारते हैं यानी उसका बखान ज्यादा करते हैं.
फेक न्यूज या मिसइंफॉर्मेशन के संदर्भ में भी ये बात सटीक साबित होती है. व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी पर लोगों को सही फैक्चुअल जानकारी नहीं मिलती, इसलिए ये आने वाले समय में लोगों के लिए बड़ा खतरा साबित होने वाली है. इससे एक बात तो साफ है कि आने वाले सालों में ‘फैक्ट चेक’ के काम की जरूरत और बढ़ सकती है.
दुनिया को झेलने होंगे ये 10 बड़े जोखिमवर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट-2024 को देखें तो मिसइंफॉर्मेशन के बाद दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बाढ़-सूखा जैसी अन्य प्राकृतिक आपदा है. जबकि अगले 10 साल के अनुमान में ये दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है. इससे एक बात तो साफ है कि आने वाले दिनों में ‘जलवायु परिवर्तन’ एक बड़ा खतरा बनने जा रहा है.इस रिपोर्ट में समाज के अंदर ध्रुवीकरण बढ़ने को तीसरा, साइबर असुरक्षा को चौथा, अलग-अलग देशों के बीच युद्ध को पांचवा, लोगों के लिए आर्थिक अवसर में कमी आना 6वां, महंगाई को 7वां, मजबूरी में पलायन 8वां, आर्थिक मंदी के आसार’ को 9वां और प्रदूषण को 10वां सबसे बड़ा जोखिम माना गया है.