बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (बीआरओ) लद्दाख के न्योमा में दुनिया का सबसे ऊंचा लड़ाकू हवाई अड्डा बनाने जा रहा है. इस परियोजना की आधारशिला आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू के देवक पुल से रखेंगे. रक्षा मंत्रालय की तरफ से यह ऐलान ऐसे समय में किया गया है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से लगातार भारत की तनातनी चल रही है. ऐसा माना जा रहा है कि इस लड़ाकू हवाई अड्डे के निर्माण से चीन को भारत कड़ी टक्कर देगा.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीआरओ के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने बताया था कि अगले दो से तीन सालों में भारत चीन को पीछे छोड़ देगा.
उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार एलएसी के 3488 किलोमीटर के क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को विकसित करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है.11 हजार करोड़ रुपए की 295 परियोजनाएं पूरीलेफ्टिनेंट जनरल ने बताया था कि मात्र दो से तीन सालों में 11 हजार करोड़ रुपए की 295 परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं. वहीं पिछली सरकारों से मोदी सरकार की तुलना करते हुए बीआरओ चीफ ने कहा कि चीन ने भारत से पहले एलएसी के साथ बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया था.
मोदी सरकार ने पुरानी नीति में किया बदलावराजीव चौधरी ने कहा कि मोदी सरकार ने पुरानी नीति में बदलाव किया और एलएसी पर काम में तेजी लाने के लिए हमारा समर्थन कर रही है. चौधरी ने बताया कि 2008 में हमारा बजट लगभग तीन हजार करोड़ रुपए होता था. वहीं 2017 में यह बढ़कर लगभग 6000 करोड़ रुपए हो गया. इसके बाद 2019 में यह बजट बढ़कर 8000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया. वहीं पिछले साल लगभग 12,340 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे.