नई दिल्ली:- धरती पर कुछ जगहें ऐसी हैें जहां के लोग अमूमन सौ साल का अरसा बिना बीमारी काट लेते हैं. इन जगहों को वैज्ञानिकों ने ब्लू जोन का नाम दिया गया है. धरती पर ऐसे 5 ब्लू जोन को चिन्हित किया गया है. यहां के लोग पृथ्वी पर अन्य जगहों के इंसानों की तुलना में कहीं लंबा जीवन बिना किसी बीमारी के जीते हैं. ब्लू जोन की अवधारणा को सबसे पहले वैज्ञानिक गिएनी पेस और माइकल पॉलेन ने दिया था. उन्होंने 2004 में इसके बारे में एक लेख लिखा था. दरअसल, ये लोग धरती पर सबसे अधिक जीने वाले लोगों के बारे में अध्ययन कर रहे थे. तभी उन्होंने इटली में नूओरो प्रांत में सार्डिनिया नाम की एक जगह की खोज की थी और दावा किया था कि यहां के औसत पुरुषों की उम्र 100 साल के आसपास होती हैं जो अन्य कहीं नहीं होती. इसके बाद डेन ब्यूटनर ने इस ब्लू जोन में चार और जगहों को जोड़ा और दावा कि सार्डिनिया के साथ-साथ इन चारों जगहों के लोगों की जीवन में बहुत समानताएं हैं.
ये हैं 5 ब्लू जोन
इनसाइडर के मुताबिक रिसर्चर गिएन्नी पेस, माइकल पॉलैन और डेन ब्यूटनर के शोध पर आधारित धरती पर 5 ब्लू जोन को चिन्हित किया गया है. ये जगहें हैं-ग्रीस में इकारिया, इटली में सार्डिनिया, जापान में ओकिनावा, अमेरिका में लोमा लिंडा और कोस्टारिका में निकायो. यहां के लोग अपेक्षाकृत ज्यादा हेल्दी रहते हैं और ज्यादा लंबी उम्र तक जीते हैं.
बीमारियां न के बराबर
इन लोगों को बीमारियां न के बराबर होती है. इनकी लंबी उम्र के लिए जीन की भी भूमिका है. लेकिन इसके खान-पान और लाइफस्टाइल की सबसे अधिक भूमिका है. जीन के बाद पर्यावरणीय प्रभाव, डाइट, लाइफस्टाइल आदि भी कारक होते हैं. ब्लू जोन में रहने वाले अधिकांश लोगों की आयु 90 से 100 तक पहुंचती हैं लेकिन सौ से अधिक उम्र के लोगों की संख्या भी कम नहीं है. इन लोगों के जीन तो प्रभावी है ही, साथ ही इन लोगों का लाइफस्टाइल एकदम नेचुरल है. ये लोग मांस-मछलियों का सेवन न के बराबर करते हैं और अपनी कुल डाइट में 95 प्रतिशत हिस्सा प्लांट बेस्ड फूड को शामिल करते हैं.
क्या है ब्लू जोन के लोगों की डाइट
इन इलाकों में सबसे बड़ी बात यह है कि इन इलाके के लोगों में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, किडनी और हार्ट डिजीज न के बराबर है. ब्लू जोन के लोग स्वच्छ पर्यावरण में रहते हैं. यहां नेचुरल अनाज, फ्रूट्स और सब्जियों की कमी नहीं है. ये लोग कलरफुल हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करते हैं. अपने फूड को बेहद सिंपल तरीके से खाते हैं. फलीदार सब्जियों की इनके पास कोई कमी नहीं होती. मुख्य भोजन में आमतौर पर ये लोग साबुत अनाज खाते हैं. एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक साबुत अनाज कोलोन कैंसर और हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है. वहीं ताजे फल इनकी डाइट का मुख्य हिस्सा होते हैं. ड्राई फ्रूट्स में बादाम, अखरोट, पिश्ता आदि मुख्य रूप से शामिल रहते हैं. वहीं फलों में सेब, संतरे, एवोकाडो, स्ट्रॉबेरी आदि की कोई कमी नहीं होती. एनिमल प्रोडक्ट्स में ये लोग मांस-मछलियों का बहुत कम सेवन करते हैं. कुछ लोग सप्ताह में एक दिन बहुत कम मात्रा में एनिमल प्रोडक्ट्स लेते हैं.