)अगर आप भी गर्मी से बचने के लिए अपने कमरे में एसी का टेंपरेचर 20 से नीचे रखते हैं तो जल्द ही आपकी सेहत को ये नुकसान हो सकते हैं..अगर आप भी गर्मी से बचने के लिए अपने कमरे में एसी का टेंपरेचर 20 से नीचे रखते हैं तो जल्द ही आपकी सेहत को ये नुकसान हो सकते हैं..
1/5गर्मियों में जब कामकाज के बाद भरी गर्मी में आप अपने कमरे में कदम रखते हैं तो एसी (AC)की बहुत जरूरत महसूस होती है. जिन घरों में एसी लगे होते हैं वहां लोग आमतौर पर गर्मी महसूस नहीं करते. लेकिन यही एसी अपने टेंपरेचर (temperature )के चलते आपको बीमार भी कर सकता है. देखा जाए तो लोग अक्सर एसी का टेंपरेचर काफी कम करते हैं जिससे कमरा बहुत ज्यादा ठंडा हो जाता है.गर्मियों में जब कामकाज के बाद भरी गर्मी में आप अपने कमरे में कदम रखते हैं तो एसी (AC)की बहुत जरूरत महसूस होती है. जिन घरों में एसी लगे होते हैं वहां लोग आमतौर पर गर्मी महसूस नहीं करते. लेकिन यही एसी अपने टेंपरेचर (temperature )के चलते आपको बीमार भी कर सकता है. देखा जाए तो लोग अक्सर एसी का टेंपरेचर काफी कम करते हैं जिससे कमरा बहुत ज्यादा ठंडा हो जाता है.
2/5कुछ लोग एसी का टेंपरेचर 18 और यहां तक कि 16 भी करते हैं जिससे कमरा बर्फ सरीखा हो जाता है. कुछ देर तो ये ठंडक अच्छी लगती है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि ये सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि एसी का टेंपरेचर 20 से नीचे रखा जाए तो ये कमरे में मौजूद लोगों को बीमार बना सकता है. चलिए जानते हैं एसी का टेंपरेचर 20 से नीचे करने पर क्या नुकसान हो सकते हैं.कुछ लोग एसी का टेंपरेचर 18 और यहां तक कि 16 भी करते हैं जिससे कमरा बर्फ सरीखा हो जाता है. कुछ देर तो ये ठंडक अच्छी लगती है लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि ये सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि एसी का टेंपरेचर 20 से नीचे रखा जाए तो ये कमरे में मौजूद लोगों को बीमार बना सकता है. चलिए जानते हैं एसी का टेंपरेचर 20 से नीचे करने पर क्या नुकसान हो सकते हैं.
3/5जनरल ऑफ इंटरनल मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस कमरे में एसी का टेंपरेचर 20 से नीचे रहता है, उस कमरे में छह घंटे से ज्यादा रहने वाले इंसान की स्किन की नमी कम हो जाती है. दरअसल एसी का कम टेंपरेचर स्किन की नमी सोख लेता है और स्किन से ऑयल निकलने लगता है. इससे चेहरे पर झुर्रियां, मुंहासे और एक्ने की दिक्कत होने लगती है.जनरल ऑफ इंटरनल मेडिसिन में छपी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस कमरे में एसी का टेंपरेचर 20 से नीचे रहता है, उस कमरे में छह घंटे से ज्यादा रहने वाले इंसान की स्किन की नमी कम हो जाती है. दरअसल एसी का कम टेंपरेचर स्किन की नमी सोख लेता है और स्किन से ऑयल निकलने लगता है. इससे चेहरे पर झुर्रियां, मुंहासे और एक्ने की दिक्कत होने लगती है.
4/5अगर कमरे का एसी 20 से नीचे चल रहा है तो उस कमरे में नमी खत्म होने से नेजल यानी नाक की नली के सूखने के खतरे बढ़ जाते हैं. इससे म्यूकस भी ड्राई हो जाता है जिससे नाक में एलर्जी के रिस्क बढ़ जाते हैं.अगर कमरे का एसी 20 से नीचे चल रहा है तो उस कमरे में नमी खत्म होने से नेजल यानी नाक की नली के सूखने के खतरे बढ़ जाते हैं. इससे म्यूकस भी ड्राई हो जाता है जिससे नाक में एलर्जी के रिस्क बढ़ जाते हैं.5/5कमरे में इतना कम टेंपरेचर होने पर शरीर की नमी तो कम होती ही है, साथ ही आंखों की नमी भी कम होने लगती है. इससे कमरे के अंदर की सूखी हवा आंखों को सूखा बनाती है और ड्राई आईज की समस्या सिर उठा लेती है.कमरे में इतना कम टेंपरेचर होने पर शरीर की नमी तो कम होती ही है, साथ ही आंखों की नमी भी कम होने लगती है. इससे कमरे के अंदर की सूखी हवा आंखों को सूखा बनाती है और ड्राई आईज की समस्या सिर उठा लेती है.