नई दिल्ली:- दुनियाभर में 47 देशों को गरीब देश माना गया है. ये ऐसे देश है जहां के नागरिकों को रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाएं भी बड़ी मुश्किल से मिल पाती हैं. दुनिया के सबसे ज्यादा गरीब देश अफ्रीका महाद्वीप में हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के अनुसार, दुनिया का सबसे गरीब देश बुरुंडी है. इस देश की 85 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रही है. यहां के अधिकतर लोगों को दो वक्त का खाना भी नहीं मिलता और वे दिनभर में बेमुश्किल पचास रुपये कमा पाते हैं. इसकी सीमाएं उत्तर में रवांडा, दक्षिण और पूर्व में तंजानिया और पश्चिम में कांगो से मिलती हैं.
ऐसा नहीं है कि बुरुंडी की हालत सदा से ही खराब थी. साल 1996 से पहले यहां के हालत ठीक थे. लेकिन, बाद में यहां की प्रमुख जनजातियों त्वा, तुत्सी और हुतु के बीच हुए संघर्ष ने देश की सामाजिक और आर्थिक हालत को बुरी तरह खराब कर दिया. लाखों लोग मारे गए और धीरे-धीरे यह देश आर्थिक रूप से पिछड़ते हुए दुनिया के सबसे गरीब देशों की लिस्ट में सबसे ऊपर आ गया.
सवा करोड़ है आबादी
दुनिया के सबसे गरीब देशों बुरुंडी की आबादी सवा करोड़ के लगभग है. इनमें से 85 फीसदी लोग गरीबी नहीं बल्कि घोर गरीबी में जिंदगी गुजर-बसर कर रह हैं. यहां की सालाना आमदनी 180 डॉलर प्रति वर्ष, यानी करीब 15 हजार रुपये है. यहां हर 3 में से एक व्यक्ति बेरोजगार है और दिनभर मेहनत करने के बाद भी लोग 50 रुपये रोज नहीं कमा पाते हैं. बुरुन्डी में शिशु मृत्यु दर प्रति 1,000 शिशुओं में से 87.8 शिशुओं की मौत हो जाती है. यह दुनिया की औसत शिशु मृत्यु दर से दोगुनी है. यहां लोगों को भरपेट भोजन भी नहीं मिलता है. यहां पर साक्षरता दर भी काफी कम है.
अमेरिका, इंग्लैंड ने किया है शासन
बुरुंडी अमेरिका और इंग्लैंड के अधीन भी रहा है. इन दोनों ही देशों ने बुरुंडी के खनिज भंडारों का अच्छा-खासा दोहन किया. लेकिन, देश के हालत दूसरे देश के अधीन रहने के दौरान भी उतने खराब नहीं थे जितने खराब आज हैं. बुरुंडी को गरीबी की गर्त में यहां के जातीय संघर्ष ने ही पहुंचाया है. यह संघर्ष साल 1996 में शुरू हुआ और 2005 तक तक चला. इसमें करीब दो लाख लोगों की मौत हुई और देश की आर्थिक हालात बिल्कुल खस्ता हो गई.