नांदेड़ जिले के सरकारी अस्पताल 24 घंटे में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत के बाद हड़कंप मच गया है। घटना के बाद अस्पताल प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए मामले की जांच की जा रही है। बताया गया है कि दवाओं की कमी के कारण राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में समस्याएं सामने आ रही हैं। ऐसे में ऐसी एक दिन में मौत के इतने अधिक आंकड़े चौंका देने वाले है।सियासी गलियारों में मचा हड़कंपइसी में सियासी गलियारों में भी हड़कंप मचा है। विपक्ष में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने मौत को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए घेरा है.
एनसीपी प्रमुख पवार ने कहा कि यह घटना सरकारी प्रणालियों की विफलता को उजागर करती है. चाहता हूं कि भविष्य में ऐसी घटना न हो, एनसीपी प्रमुख पवार ने ट्वीट कर लिखा नांदेड़ के एक सरकारी अस्पताल में 24 घंटे में 12 नवजात शिशुओं सहित 24 लोगों की मौत की दुर्भाग्यपूर्ण घटना सचमुच मन को झकझोर देने वाली है.स्टाफ के कमीवहीं महाराष्ट्र पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने कहा, “मैंने अस्पताल के डीन से बात की, जिन्होंने कहा कि नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ की कमी है.
कुछ उपकरण काम नहीं कर रहे हैं और कुछ विभाग विभिन्न कारणों से चालू नहीं हैं। यह बहुत गंभीर मुद्दा है.अस्पताल को बजट की कमीउन्होंने दावा किया कि कई मरीज दूर-दूर से आए थे। अस्पताल को बजट की कमी और अन्य मुद्दों के बीच समय पर उनके लिए सही दवाएं खरीदने की समस्याओं का सामना करना पड़ा। पूर्व सीएम और नांदेड़ के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि इन मौतों के अलावा, जिले के अन्य निजी अस्पतालों से रेफर किए गए अन्य 70 मरीज ‘गंभीर’ बताए गए हैं।
नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ की कमीचव्हाण ने कहा कि मैंने अस्पताल के डीन से बात की, जिन्होंने कहा कि नर्सिंग और मेडिकल स्टाफ की कमी है। कुछ उपकरण काम नहीं कर रहे हैं और कुछ विभाग कई कारणों से चालू नहीं हैं। यह बहुत गंभीर मुद्दा है।