नई दिल्ली :– इंस्टाग्राम पर वीडियो क्वालिटी के बारे में उपयोगकर्ताओं की शिकायतों में तेजी से वृद्धि आ रही है। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म खराब वीडियो क्वालिटी के मुद्दों से ग्रस्त है। विशेष रूप से कंटेंट निर्माताओं को प्रभावित कर रहा है। वीडियो की क्वालिटी कम है। जिससे न केवल देखना मुश्किल हो जाता है बल्कि फॉलोअर्स पर भी असर पड़ रहा है।
इंस्टाग्राम के प्लेटफ़ॉर्म और थ्रेड्स के हेड एडम मोसेरी ने इस मामले पर ज़ोर देते हुए द वर्ज के साथ एक बातचीत में कहा कि कंपनी के इस निर्णय के कई कारण थे। और जिन वीडियो को शुरुआत में अधिक व्यू मिलते हैं, उन्हें केवल उच्च क्वालिटी में दिखाया जाता है। हालांकि जैसे-जैसे समय के साथ किसी वीडियो को देखे जाने की संख्या घटती जाती है। उसका रिज़ॉल्यूशन कम होता जाता है। यदि बाद में वीडियो के व्यूज बढ़ते हैं। तो इंस्टाग्राम इसे फिर से उच्च क्वालिटी में दिखाना शुरु कर देता है।
कंटेंट क्रिएटर्स इस बदलाव पर है नाखुश
इंस्टाग्राम के मुताबिक ये बदलाव यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने की कोशिश है। इसके अलावा स्टोरेज स्पेस और इंटरनेट स्पीड को भी ध्यान में रखा जाता है। इंस्टाग्राम की इस नई रणनीति का लक्ष्य सभी डिवाइसेज पर वीडियो लोड करना और बफरिंग समय को कम करना है। जो धीमे इंटरनेट कनेक्शन वाले उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगी है।
छोटे कंटेंट क्रिएटर्स पर इस बदलाव के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर मोसेरी ने कहा कि वीडियो जुड़ाव इसकी बिटरेट की क्वालिटी पर निर्भर नहीं करता है। बल्कि कंटेंट की गुणवत्ता और दर्शकों की रुचि पर निर्भर करता है। यहां तक कि छोटे क्रिएटर्स के पास भी बड़े रचनाकारों के समान ही अवसर हैं। कई कंटेंट क्रिएटर्स इस बदलाव से नाखुश हैं।