नई दिल्ली : खराब खानपान और बदलती लाइफस्टाइल के कारण ज्यादातर लोग कई गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. आज के समय में भारत में स्वास्थ्य संबंधी मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कैंसर, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियां लगभग 80% मौतों का कारण बनती है. साथ ही ट्यूबरक्लोसिस यानी टीबी एक संक्रामक बीमारी है.
कैंसर, हार्ट डिजीज, डायबिटीज, ट्यूबरक्लोसिस और मोटापे का हर दूसरा व्यक्ति शिकार हो रहा है. यह जानलेवा बीमारियां है, जिनका समय रहते इलाज न कराने से यह मौत का कारण बन सकती है. ऐसे में इन बीमारियों के लक्षणों की पहचान होना बेहद जरूरी है.
ये हैं 5 गंभीर बीमारियां
कैंसर
भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ते ही जा रही है. साल 2023 में इस बीमारी से जुड़े लगभग 14 लाख मामले सामने आए हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं. खराब खानपान, पॉल्यूशन, धूम्रपान, शराब, बैक्टीरिया, वायरस या लाइफस्टाइल में बदलाव की वजह से इस बीमारी का शिकार हो सकते हैं. कैंसर असामान्य कोशिका वृद्धि और विभाजन के कारण होता है, जो अक्सर आनुवंशिक उत्परिवर्तन से शुरू होता है. ये उत्परिवर्तन विरासत में मिल सकते हैं या जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों सहित कई कारकों के कारण हो सकते हैं.
हार्ट डिजीज
भारत में हार्ट डिजीज एक प्रमुख स्वास्थ्य समस्या है. यह देश में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है. साल 2022 में भारत में दिल के दौरे के मामलों में 12.5% की वृद्धि हुई थी. हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और गुर्दे की बीमारी जैसी स्थितियां हार्ट डिजीज के खतरे को काफी हद तक बढ़ा सकती है. इसके अलावा खानपान और लाइफस्टाइल में बदलाव होने पर भी दिल से जुड़ी बीमारियां हो सकती है.
डायबिटीज
भारत में डायबिटीज एक गंभीर और बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या है. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में लगभग 10.1 करोड़ लेग डायबिटीज से पीड़ित थे, जो दुनिया में डायबिटीज के मरीजों की सबसे बड़ी संख्या बनाता है. आंकड़ों के मुताबिक 18 वर्ष की उम्र के बाद लगभग 77 मिलियन लोग टाइप 4 डायबिटीज से पीड़ित हैं और करीब 25 मिलियन लोग प्री-डायबिटिक से ग्रस्त हैं. डायबिटीज के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. डायबिटीज दो प्रकार की होती है, टाइप 1 और टाइप 2. टाइप 1 एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल रहता है, एक हार्मोन जो ब्लड शुगर को कंट्रल करता है. टाइप 1 डायबिटीज आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में हो सकता है. टाइप 2 डायबिटीज का सबसे आम प्रकार है. यह तब होता है, जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है. इसका कारण अनहेल्दी खाना, लाइफस्टाइल में बदलाव या मोटापा हो सकता है.
ट्यूबरक्लोसिस
भारत में ट्यूबरकुलोसिस एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है. भारत में हर साल 2.8 मिलियन मामले टीबी से जुड़े होते हैं. टीबी एक संक्रामक बीमारी है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण होती है. यह आमतौर पर फेफड़ों को प्रभावित करता है, लेकिन यह शरीर के अन्य हिस्सों को भी संक्रमित कर सकता है. टीबी हवा के माध्यम से फैलता है, जब संक्रमित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है.
मोटापा
भारत में मोटापा एक बढ़ती हुई स्वास्थ्य समस्या है. भारत में इसके मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं. मोटापा एक गंभीर समस्या है, जो कई बीमारियों का कारण बन सकता है. इसमें व्यक्ति के शरीर में अत्यधिक चर्बी जमा हो जाती है, जिसके कारण स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम बढ़ सकते हैं. आमतौर पर इसकी शुरुआत जरूरत से अधिक कैलोरी लेने से होती है. इसका शारीरिक रूप से गहरा प्रभाव पड़ता है. इसका कारण फास्ट फूड, मीठे पेय पदार्थों और लाल मांस का ज्यादा सेवन करना है. इसके अलावा हाइपोथायरायडिज्म और पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम मोटापे का कारण होती है.